पटना : 1000 करोड़ के सृजन घोटाले को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उनपर घोटाला दबाने का आरोप लगाया है. लालू प्रसाद यादव ने आज रांची में चारा घोटाले की पेशी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए और इस मामले में जो दोषी हैं उन्हें जेल में बंद किया जाए.
सीबीआई जांच के लिए पटना हाईकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल की गई है. नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि घोटाले से बचने के लिए वह एनडीए की शरण में गए हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार धराशायी हो गया है, लोकतंत्र का गला घोंटा गया है.
क्या है सृजन घोटाला
बिहार के भागलपुर जिले में एक सृजन नाम का एनजीओ है, 1996 में इस एनजीओ को महिलाओं को काम देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. 3 अगस्त को 10 करोड़ के एक सरकारी चेक के बाउंस होने के बाद घोटाला होने का मामला सामने आया. जांच में पता चला है कि जिलाधिकारी के फर्जी साइट से बैंक से सरकारी पैसा निकाल कर एनजीओ के खाते में डाला गया है. पुलिस ने एसआईटी का गठन करके इस मामले से जुड़े लोगों के घर और सृजन एनजीओ के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
गौरतलब है कि बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रातभर भागलपुर स्टेशन परिसर के बाहर धरने पर बैठे रहे. सृजन घोटाले के विरोध में प्रशासन ने तेजस्वी यादव की सभा को इजाजत नहीं दी थी बल्कि धारा 144 लागू लगा दी थी. जिसके विरोध में तेजस्वी स्टेशन के बाहर ही धरने पर बैठे रहे. प्रशासन ने तेजस्वी यादव का धरना समाप्त कराया और उन्हें एक होटल में पहुंचा दिया. रात 3 बजकर 20 मिनट पर ये धरना खत्म हुआ. इसके बाद उन्होंने लगातार ट्वीट करके नीतीश कुमार पर निशाना साधा.