नई दिल्ली : मालेगांव ब्लास्ट केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल श्रीकांत पुरोहित की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. कर्नल पुरोहित के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि न्याय के हित में पुरोहित को जमानत मिलनी चाहिए.
वहीं राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इसका विरोध कर रही है. एजेंसी का कहना है किकर्नल पुरोहित को जमनात देने का ये उचित समय नहीं है. वहीं कोर्ट में जस्टिस आर के अग्रवाल और ए एम सप्रे की बेंच ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा है कि वह याचिका पर आदेश देंगे.
साल्वे ने पुरोहित की ओर से कोर्ट में कहा कि वह पिछले 9 सालों से जेल में हैं, लेकिन उनके खिलाफ अभी तक चार्ज नहीं लगाया गया है. उन्होंने कहा कि पुरोहित के ऊपर लगा MCOCA चार्ज भी हटा लिया गया है ऐसे में अब उन्हें अंतरिम जमानत दे दी जानी चाहिए.
वहीं एनआईए की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने कहा है कि पुरोहित के खिलाफ कुछ सबूत हैं, जिनके आधार पर उनके ऊपर आरोप तय किए जाएंगे.
वहीं साध्वी प्रज्ञा की जमानत के खिलाफ दायर हुई याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया है. बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कर्नल पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपों में साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी थी और पुरोहित की याचिका को ठुकरा दी थी.
ये था मामला
29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 100 लोग घाटल हो गए थे. साध्वी प्रज्ञा पर भोपाल, फरीदाबाद की बैठक में धमाके की साजिश रचने के आरोप लगे थे. साध्वी और पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया गया था.