नई दिल्ली : जुलाई का महीना शुरू नहीं होता, मानसून दस्तक नहीं देता कि देश में हाहाकार मच जाता है. नाले जैसी बहने वाली नदियां समंदर बन जाती हैं और इंसान की बस्तियों पर पानी का ऐसा हमला होता है कि लोग उजड़ जाते हैं. जान-माल सबका नुकसान अब करोड़ों में नहीं अरबों में होता है.
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