केरल : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल लव जिहाद मामले में कथित रूप से धर्म परिवर्तन की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी को आदेश दिया है. इस मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस आरवी रवींद्रन एनआईए करेंगे. गौरतलब है कि इससे पहले 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने केरल पुलिस से कहा था कि वह मामले में एनआईए को सहयोग दे, ताकि इस मामले में किसी व्यापक आयाम का पता लगाया जा सके.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ‘लव जिहाद’ असली है, एजेंसी के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ सालों में भारत के लोकप्रिय मोर्चे में उनकी जांच इस दावे का आधार है. एनआईए ने सर्वोच्च न्यायालय में 22 पृष्ठ की रिपोर्ट पेश की जिसमें केरल के पीएफआई मामलों का हवाला दिया गया है.
पिछले साल दिसंबर में केरल हाईकोर्ट ने हिंदू लड़की के साथ एक मुस्लिम युवक शैफीन के निकाह को अवैध करार दे दिया है जिसके बाद युवक ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल की जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने एनआईए को ‘लव जिहाद’ पर एक रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. शैफीन कथित तौर पर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का सदस्य है जो पीएफआई का राजनीतिक दल है.
आरएसएस कार्यकर्ता रुद्रेश के हत्याकांड में एनआईए के आरोप पत्र में कहा गया है कि पीएफआई और राजनीतिक संगठन एसडीपीआई ने लोगों के बीच आतंक और इस्लामी खिलाफत स्थापित करने के लिए रुद्रेश को अक्टूबर 2016 में बेंगलुरु में मार गिराया गया था. सूत्रों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की एनआईए की रिपोर्ट में अथिरा-आयशा वार्तालाप का भी उल्लेख किया गया है.
लव जिहाद मामले में हिंदू लड़की ने कथित तौर पर अपने माता-पिता की इच्छाओं के खिलाफ जाकर अपना धर्म बदला और इस्लाम को कबूल किया, एनआईए ने इस मामले में प्रारंभिक जांच की थी. एनआईए ने 2015 का प्रोफेसर आर्मस मामला, 2013 का कन्नूर हथियार प्रशिक्षण शिविर मामला और आरएसएस की हत्या का मामले में पीएफआई की जांच की है.
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एनआईए द्वारा 2016 में केरल उच्च न्यायालय में पेश की गई एक रिपोर्ट ने कहा कि एक आपराधिक मामला भी दायर किया गया जिसमें लड़की को जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के लिए का जिक्र है.सूत्रों का कहना है कि जांचकर्ताओं को जांच के दौरान ‘लव जिहाद’ या जबरन धार्मिक परिवर्तन का संदेह हुआ है, उन्होंने केरल पुलिस को इस दावे के समर्थन में 2,500 पृष्ठों के दस्तावेज सौंपे कि केरल में धर्म परिवर्तन एक बड़ी साजिश का हिस्सा है.
केरल महिला के धर्म परिवर्तन वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह 25 वर्षीय हिंदू महिला से बात करने के बाद ही शादी करने की वैधता तय करेगी.
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