नई दिल्ली : देश के 70वें वर्षगांठ के मौके पर 44वें सीजेआई जस्टिश खेहर ने कहा कि हमारे पास दलित राष्ट्रपति है जो गरीबी में रहे है. उप राष्टयपति जो पोस्टर लगाते थे प्रधानमंत्री जो चाय बेचते थे, CJI जो केन्या के अभी नागरिक थे. ये होती है स्वतंत्रता. आप हर चीज को पा सकते है जब आप स्वतंत्र होते है.
इस दौरान जस्टिश खेहर ने कहा कि बार के प्रेसिडेंट से पूछना चाहता हूँ कि क्या वो अब्दुला के बारे में जानते है जो स्वतन्त्रा सैनानी थे. वो वाहिदी मुस्लिम थे. उन्हीने कोलकाता हाई कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश की हत्या की थी.
अब्दुला को गिरफ्तार किया गया था घटना स्थल पर. उसने अपने बचाव में कुछ नही कहा. उसने कहा कि मैंने जो किया वो ब्रिटिश के प्रति गुस्से में किया. जज की हत्या ने बिटिश सरकार को हिला कर रख दिया था.
जरनल मायो बर्मा से वापस आये और अंडमान गए. अली अफरीदी के बारे में आप जानते है. मैंने अपने ड्राइवर से पूछा क्या आप अफरीदी को जानते है. उसने कहा पाकिस्तान के कैप्टन थे.
जब जरनल मायो अंडमान से गुज़र टैब उनपर चाकू से हमला कर हत्या कर दी. वो भी वाहिदी मुस्लिम थे. वो घटनासाथल से नही भागे. उनको अंडमान में रखा गया. आज भी जेल में उनके नाम है.
यहाँ केवल दो लोग है जिसमें से एक नए एक्टिंग चीफ जस्टिस की हत्या की और एक ने गवर्नर जरनल की. ऐसे कई लोग है जिनके बारे में हम नही जानते. शेर अली को अंडमान की जेल में रखा गया था. उसने आने मुस्लिम दोस्त के लिए फ्लावर केक बनाया और मिठाई हिन्दू भाई के किये. ये फेरवेल था.
आज उन लोगो को याद करने का दिन है जिन्होंने देश के लिए कुरबानी दी. कुछ के नाम हम जानते है कुछ के नही. लेकिन स्वतन्त्रता का मतलब क्या है. मैं 1947 के बाद पैदा हुआ हूँ. केन्या के नागरिक के तौर पर. उस समय केन्या ब्रिटिश कॉलोनी थी. आप ब्रिटिश सत्ता के अधीन थे. मैं पैदा हुआ केन्या नागरिक के रूप में लेकिन भारतीय था.
ब्रिटिश प्रथम नागरिक थे दूसरे दर्जे के अमेरिकन तीसरे दर्जे पर यूरोपियन चौथे पर अफ्रीकन और फिर एशियन. जब चारों में से कोई नही हो तभी भारतिय को मौका मिलता था. लाहौर में मेरे दादा डॉक्टर थे. जब ब्रिटिश को लगा कि वो स्वतंत्र को लेकर लोगों को मोटिव करते थे तब उन्हें वहां से गिरफ्तारी के डर से भागना पड़ा. सोचिए बिना किसी नुकसान के आपको अपना देश छोड़ना पड़ा.
कुरबानी का मतलब केवल देश के लिए मर मिटाना नही है. स्वतंत्रता में उन लोगों को भी याद किया जाना चाहिए जिन्होंने स्वतन्त्रा के लिए देश को छोड़ा. स्वतन्त्रा दिवस पर पुरानी बातों को याद करते है और रिपब्लिक डे पर भविष्य की तरफ. वकीलों की भी बेहद अहम भूमिका थी स्वतंत्रता संग्राम और आजादी दिलाने में. वकीलों का काम अभी खत्म नही हुआ. स्वतंत्र्ता को उस स्तर तक ले जाना है जहाँ हर लोग खुश रहे.
पिछले सफ्ताह में चंडीगड़ गया था. मुझे मेरे बेटे ने टी शर्ट कई सालों पहले दी थी. लेकिन टी शर्ट पर जो लिखा था जो मायने रखता है. जिसपर लिखा था सिख होने पर गर्व है. मैंने उस टी शर्ट को पहना. वकील अलग अलग धर्मो से है. वो सभी अपने धर्म और भारत के नागरिक होने पर गर्व करते है.
न्यायपालिका को पैसे कमाने की जगह इसका सम्मान करना चाहिए. जज के बेटे जज और पैनल में होना. एक पेपर पर पढ़ा. जिसपर लिखा था कि CJI के बेटे पंजाब सरकार के पैनल में है. मैंने बेटे से पूछा क्या तुम नियुक्त हो गए हो, क्या कभी तुमने रिश्वत ली, क्या तुम्हें लेटर मिला तो उसने मना किया और कहा खेहर के नाम का एक और आदमी नियुक्त हुए. इस तरह की बातें मत कीजिये बार प्रेजिडेंट सर.
हर कोई आज एक साथ है. चाहे वो ब्राह्मण का बेटा हो, दलित का हो हर कोई एक समान है. जो चाहे वो पा सकता है. सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट्स अब कोर्ट की वेब साइट पर उपलब्ध होगी. 2 हफ़्तों के भीतर. अब आपको कुछ भी खर्च करने की जरूरत नही हर कुछ वेब साइट पर मिल जाएगा.
खेहर ने कहा कि मैंने इलहाबाद में कहा था कि छुटियों के समय जज और वकील भी काम करे ताकि लंबित मामलों का निपटारा किया जा सके. ये आपका सहयोग होगा देश के लिए देश की उन्नति और तरक्की के लिए.