नई दिल्ली. 71वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति कोविंद ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के सभी सेनानियों को याद किया. इस मौके पर उन्होंने न्यू इंडिया के मतलब को बताया और कहा कि समाज के हर तबके की भागीदारी से ही राष्ट्र का निर्माण हो पाएगा.
राष्ट्रपति कोविंद ने नोटबंदी से लेकर जीएसटी और बेटी बचाओ से लेकर सेना और किसान तक को अपने संबोधन में शामिल किया. आइये जानते हैं उनके संबोधन की कुछ बड़ी और अहम बातों को.
1. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आजादी वास्तव में सत्ता का हस्तांतरण नहीं व्यापक बदलाव की घड़ी थी.
2. हमारे लिए समझना बहुत जरूरी है कि स्वतंत्रता सेनानियों का सपना गांव गरीब के समग्र विकास का सपना था.
3. देश के लिए जान की बाजी लगा देने वाले हजारों स्वतंत्रता सेनानियों को हम कभी नहीं भूला सकते.
4. महात्मा गांधी ने जिन सिद्धातों को अपनाने की बात कही वो आज भी हमारे लिए प्रसांगिक हैं. बापू का गांव गरीब का विकास करना सपना था.
5. सरकार देश में स्वच्छता अभियान चला रही है. ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम देश को साफ रखें.
6. जब हम न्यू इंडिया की बात करते हैं तो इसका मतलब है हर परिवार को घर, बेहतर सड़कें और मांग के अनुसार बिजली. न्यू इंडिया का मतलब है वहां से आगे चलना जहां हम खड़े हैं. इसका मतलब है हर व्यक्ति की ताकत का इस्तेमाल करना.
7. नोटबंदी के बाद देश में ईमानदारी का सैलाब आया है. मुझे खुशी है कि देशावसियों ने जीएसटी को खुशी से स्वीकार किया. जीएसटी से देश में फायदा होगा.
8. हमें साथ काम करने की जरूरत है. हमारा लक्ष्य है कि सरकार की पॉलिसी का फायदा आखिरी व्यक्ति तक पहुंचे. आज भारत महान उपलब्धियों के प्रवेश द्वार पर खड़ा है.
9. सरकार शौचालयों के निर्माण को प्रोत्साहन दे रही है, लेकिन इन शौचालयों का प्रयोग करना और देश को ‘खुले में शौच से मुक्त’ कराना – हममें से हर एक की जिम्मेदारी है.
10. सरकार पारदर्शिता पर जोर दे रही है, सरकारी नियुक्तियों और सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार समाप्त कर रही है, लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी में भ्रष्टाचार समाप्त करना हम सभी की जिम्मेदारी है.