मुंबई: वर्ल्ड पीस एंड कॉन्क्लेव में देश-दुनिया की कई दिग्गज हस्तियों ने जुटकर शांति का संदेश दिया. इस कॉन्क्लेव में ध्रम गुरू दलाई लामा और बाबा रामदेव भी शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान दोनों के बीच जमकर हंसी-मजाक भी हुई. मस्ती के मूड में दलाई लामा ने बाबा राम देव के दाढ़ी पकड़ कर हंसी-मजाक किया. कार्यक्रम में दलाई लामा ने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम में शामिल होकर बहुत अच्छा लगा. खासकर इतने आध्यात्मिक लोगों के बीच शामिल होना.
शिक्षा पर बात करते हुए दलाई लामा ने कहा कि लोगों का मानना है कि शिक्षा पश्चिम से आई है लेकिन मेरा मानना है कि ये प्राचीन भारतीय सभ्यता की देन है. वर्तमान में भारत बदल रहा है, भारत के पास विश्व गुरु बनने की पूरी संभावना है.
पूरी दुनिया को दिशा दिखा सकता है भारत
दलाई लामा ने कहा कि भारत को अपनी प्राचीन शिक्षा पद्धति के साथ आधुनिक शिक्षा के समावेश के साथ तब पूरी दुनिया को दिशा दिखा सकता है. उन्होंने भारत और चीन को एक साथ आए तो बेहद महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने कहा कि सामाजिक और धार्मिक सौहार्द जितना इस देश में उतना कहीं नहीं है. 58 साल इस भारत में रहकर महसूस किया है.
जो योग की बात नहीं समझता उसे युद्ध से जवाब देना चाहिए
कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने डोकलाम विवाद पर कहा कि चीन को अब जवाब दे देना चाहिए. चीन शांति की बात नहीं सुनता. जो लोग जैसे हैं उसे वैसा ही जवाब दिया जाना चाहिए. हम योग करते हैं, हमे युद्ध के लिए भी तैयार रहना चाहिए. चीन शांति का समर्थक होता तो दलाई लामा आज यहां नहीं होते. बाबा रामदेव ने पाकिस्तान की बात करते हुए कहा कि भारत के सामने पाकिस्तान की क्या औकात है. पाकिस्तान अपने आप में जूझ रहा है.
मुसलमान असुरक्षित हैं, इस तरह की बात करना गलत
बाबा रामदेव ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को टिप्पणी करते हुए कहा कि एक बड़े आदमी को आग लगाने का नहीं आग बुझाने का काम करना चाहिए. मुसलामन अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं यह कहना बिल्कुल गलत है. इस कार्यक्रम में दलाई लामा,बाबा रामदेव, डॉ लोकेश मुनि, जैन आचार्य कुलचंद्रविजयी महाराज, गुरुदेव नम्र मुनि, मौलाना डर कल्बे सादिक़, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री हर्ष वर्धन, फ़िल्म अभिनेता विवेक ओबेरॉय, फ़िल्म निर्माता निर्देशक मधुर भंडारकर के अलावा कई धर्मो के गुरु मवजूद थे.