गोरखपुर: सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह नगर गोरखपुर में 63 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी हैं. खबरों की मानें तो ये मौतें ऑक्सीजन न मिलने के कारण हुईं. बताया जा रहा है कि इस बीच बच्चों के परिजन ऑक्सीजन न मिलने पर बिलख रहे थे, तब वहां तैनात एक डॉक्टर भी मदद के लिए जी-जान से कोशिशें कर रहा था.
ये डॉक्टर थे डॉ कफील अहमद, जिनकी वजह से ना जाने कितने बच्चों की जान बच पाई. दरअसल ऑक्सीजन ना मिलने से लगातार मरते बच्चों को देखकर डॉ कफील अपनी कार लेकर तुरंत अपने दोस्त के अस्पताल से ऑक्सीजन के तीन जंबो सिलेंडर लेकर आए. इन सिलेंडर की मदद से अस्पताल के बाल रोग विभाग के बच्चों को करीब 15 मिनट तक ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकी.
डॉक्टर के रूप में मसीहा बने डॉ. कफील ने वार्ड में घूम-घूम कर ऐसे मरीजों का भी इलाज किया, जिनकी दिल की धड़कन मंद हो रही थी. डॉक्टर कफील साथ में जुनियर डॉक्टरों को भी लगातार निर्देश देते रहें, जिससे कई बच्चों की जान बचाने में मदद मिली. आपको बता दें कि कफील नाम का अर्थ ही सहायता करना होता है. डॉ कफील ने ये काम करके अपने नाम का सार्थक कर दिया.
इससे पहले डॉक्टर कफील ने गैस संचालक के ऑक्सीजन गैस की सप्लाई देने से मुकरने पर भी प्रशासन के आला अधिकारियों को चेताया था कि गैस सिलेंडर की समस्या है लेकिन जब तक कार्रवाई हो पाती तब तक काफी देर हो चुकी थी.
गौरतलब है कि शुरूआती जानकारी के मुताबिक पेमेंट रुकने की वजह से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन देने वाली कंपनी ने सप्लाई बंद कर दी थी. खबर है कि पिछले 6 महीने में बीआरडी मेडिकल कॉलेज पर 69 लाख रुपए का बकाया हो गया था. पुष्पा सेल्स ने इस बात का दावा किया है कि कई बार मेडिकल कॉलेज को चिट्ठी लिखी गई लेकिन फिर भी बिल का भुगतान नहीं किया गया था. बिल के भुगतान के लिए जितनी भी बार गए प्रिंसिपल मिले नहीं जिसके बाद एक अगस्त को चेतावनी देने के बाद चार अगस्त से सप्लाई रोक दी गई.