…तो उत्तराखंड में बन रहे इस हाईवे से डर रहा है चीन, दे डाली गीदड़-भभकी

चीन पर युद्ध की सनक सवार है, दिन हो या रात उसे हिंदुस्तान के सपने आ रहे हैं. डोकलाम विवाद के बीच इंडिया न्यूज़ बॉर्डर के उस इलाके में पहुंचा है, जो चीन की चौधराहट को चित कर देगा और उसकी टेंशन कई गुना बढ़ाने वाला है. चीन बॉर्डर के कई इलाकों में हिंदुस्तान ने सड़क बनाने के काम में तेजी ला दी है

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…तो उत्तराखंड में बन रहे इस हाईवे से डर रहा है चीन, दे डाली गीदड़-भभकी

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  • August 11, 2017 4:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: चीन पर युद्ध की सनक सवार है, दिन हो या रात उसे हिंदुस्तान के सपने आ रहे हैं. डोकलाम विवाद के बीच इंडिया न्यूज़ बॉर्डर के उस इलाके में पहुंचा है, जो चीन की चौधराहट को चित कर देगा और उसकी टेंशन कई गुना बढ़ाने वाला है. चीन बॉर्डर के कई इलाकों में हिंदुस्तान ने सड़क बनाने के काम में तेजी ला दी है और ये सड़कें बॉर्डर तक भारत की पहुंच आसान कर देंगी. चीन पिछले दो महीने से डोकलाम को लेकर हर रोज हिंदुस्तान को गीदड़-भभकी दे रहा है. कभी कश्मीर तो कभी उत्तराखंड में घुसपैठ की धमकी देकर जहरबुझे तीर चला रहा है. हिंदुस्तान ने अब उस मर्ज का इलाज करना शुरू कर दिया है. भारत ने एक ऐसा चक्रव्यूह बुनना शुरू किया है, जो जमीन पर बिछाया जा रहा है और इस चक्रव्यूह में उलझकर चीन खुद-ब-खुद बेमौत मरेगा.
 
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 140 किलोमीटर दूर बाड़ाहोती है. बाड़ाहोती वो जगह है, जिसे नो मेंस लैंड कहा जाता है. मतलब इस जमीन पर ना तो चीन का कोई अधिकार है और ना ही हिंदुस्तान का. किसी भी देश के सैनिक यहां ना तो आ सकते हैं और ना ही किसी तरह की घुसपैठ करने की इजाजत है, यहां हथियारों के ले जाने की भी मनाही है. फिर भी चीनी सैनिक उत्तराखंड के इस बॉर्डर पर जब-तब चोरी-छिपे घुसपैठ करते रहते हैं. अब हिंदुस्तान ने इसका तोड़ निकाल लिया है और उसी के तहत सड़क बनाने का काम जोरों से शुरू हुआ है. इंडिया न्यूज़ की टीम उत्तराखंड से लगने वाले चीन बॉर्डर की तरफ बढ़ी तो चमकदार हाईवे दिखा. 
 
इस सड़क पर अभी 70 किलोमीटर की स्पीड से गाड़ियां दौड़ाई जा सकती हैं. आपात स्थिति में ये स्पीड 100 के पार भी जा सकेगी. जब सड़कें पूरी तरह से तैयार नहीं, तब ये हाल है, फिर अंजाम तो चीन की सोच से परे होगा. चीन यही सोचकर डरा हुआ है तभी तो अबतक डोकलाम पर आंखें तरेरने वाले चीन ने उत्तराखंड के कालापानी से घुसपैठ की धमकी तक दे डाली. उत्तराखंड के जिस चीनी बॉर्डर पर इंडिया न्यूज़ की टीम पहुंची, उस पर दिन-रात एक कर काम जोर-शोर से चल रहा है. कई इलाके ऐसे हैं जहां पहले सिंगल रोड था. अब उसे 2 लेन से भी ज्यादा चौड़ा कर दिया है. किसी भी हालात में चीन को जवाब देने के लिए भारत की तैयारी कितनी पुख्ता है, उसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि 12-12 किलोमीटर लंबे रोड बगैर किसी बाधा के बनाए जा चुके हैं.
 
बौखलाया चीन डोकलाम से भारत को पीछे हटने को कह रहा है लेकिन हिंदुस्तान भी अडिग है. साफ कह दिया है कि ना तो चीन को आगे बढ़ने देंगे, और ना ही उसकी दादागीरी चलने देंगे. उत्तराखंड से लगने वाले चीन बॉर्डर पर जिन सड़कों को हिंदुस्तान से बना रहा है, वो चीन को आगाह करने के लिए है. वैसे हिंदुस्तान इन सड़कों को पहले से बना रहा था लेकिन हालिया दिनों में तनाव बढ़ने के बाद जोर दिखने लगा है. रक्षा मामलों की एक संसदीय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक चीन बॉर्डर से लगने वाली जिन 73 सड़कों का काम 2012 में पूरा होना था. उनमें से सिर्फ 19 सड़कें ही साल 2015 तक बनकर तैयार हो पाई. जिसमें एक सड़क उत्तराखंड की पूरी हुई और 13 पर काम चल रहा है. हालांकि अब चीन-भारत के रिश्तों में तल्खी आई तो हिंदुस्तान ने भी अपने इस मिशन पर काम जोरों से शुरू कर दिया है.
 
भारत और चीन के बीच करीब 3488 किलोमीटर लंबी सीमा है. जिसमें 345 किलोमीटर बॉर्डर उत्तराखंड से लगता है. बाडाहोती, जो चीनी बॉर्डर के पास है, वो साल 1959 से पहले भारत तिब्बत चीन व्यापार का प्रमुख केन्द्र था लेकिन 62 की जंग के बाद हालात ऐसे बने कि यहां से होने वाला व्यापार बंद हो गया और उसके बाद चीन की तिरछी नजर इस इलाके पर टिक गई.
 

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