नई दिल्ली: देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. उत्तराखंड से लेकर जम्मू कश्मीर तक पानी के प्रहार से घर, मकान, पुल तक पानी के बहाव में बह गए. लगातार बारिश और बाढ़ के बीच बादल फटने से पहाड़ों पर हाहाकार मचा है. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में गंगा समेत कई नदियां उफान पर हैं.
उत्तराखंड में 9 अगस्त की रात करीब पौने दस बजे भारी बारिश के बीच पिथौरागढ़ में मुनस्यारी के कनार में बादल फटा. पहाड़ों से हुए पानी के प्रहार से गोरी नदी पर बना पुल बह गया. अचानक पहाड़ों से आया मलबा कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया. कई मवेशी इस सैलाब में बह गए. लोगों ने ऊंची जगहों पर जाकर अपनी जान बचाई. सबस बड़ा नुकसान पुल टूटने से हुआ.
नेशनल हाईवे पर बने इस पुल के बहने से बरम इलाके का जिले के दूसरे हिस्सों से संपर्क कट गया. रातोंरात एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीम मौके पर पहुंची. राहत और बचाव का काम शुरू हुआ और नदी किनारे बसे 20 परिवारों को सुरक्षित जगह पहुंचाया. बारिश-बाढ़ के कहर से यहां 40 से अधिक परिवार खतरे में है.
उधमपुर-घोरडी मार्ग बंद
जम्मू कश्मीर के उधमपुर में भई तीन दिनों की बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से उधमपुर-घोरडी मार्ग बंद है. रास्तों से मलबा नहीं हटाया जा सका है. जिसके चलते लोग बड़े नाले को पार करके जरूरी काम कर रहे हैं. नदी का शक्ल अख्तियार कर चुके इस नाले में पानी का बहाव इतना तेज है कि बहने का खतरा हर समय है.
वहीं घोरडी इलाके के 27 गांव की 65 हजार आबादी के रास्ते पर मलबा बिखरा है. जब भी पहाड़ से पत्थर या मलबा गिरता है तो लोग रिस्क लेकर नाले से ही गुजरते हैं. चार किलोमीटर पैदल चलकर लोग बाजार तक पहुंचते हैं.
बदरीनाथ, हेमकुंड और फूलों की घाटी जाने वाली सड़कें बंद हैं
पहाडों से गिरते पानी और पत्थर ने कई रास्ते रोक दिए हैं. बदरीनाथ, हेमकुंड और फूलों की घाटी जाने वाली सड़कें बंद हैं. मूसलाधार बारिश से आज हरिद्वार में भी हाहाकर मचा है. यहां बाढ़ को लेकर गुस्सा इतना कि लोगों ने शहर के मेयर को भी पीट डाला. शहर की लगभग सभी सड़के पानी में डूब गईं हैं. यहां तक की पुलिस थाने में भी बारिश का पानी भर गया है.
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