नई दिल्ली: पूरे हिंदुस्तान की सड़कों पर मोमोज़ की दुकानें आम हैं. हिंदुस्तान में 6 साल के बच्चे से लेकर 80 साल तक के बूढ़े चाव से चटनी लगा लगा कर मोमोज़ खाते हैं और यही भारत पर सबसे बड़ा खतरा भी बन गया है. जिस भी ठेले या सड़क कि किनारे लगी दुकान पर आप 20-30 या 40 रुपए देकर मोमोज़ खा रहे हैं.
आप की पेपर प्लेट में चमकता हुआ मोमो जब पेट के अंदर जाता है तो बीमारियों का ज्वालामुखी बन जाता है. दरअसल मोमो को लेकर बीते कुछ दिनों से तरह -तरह की बाते सामने आ रही है. जिसमें सबसे चौकाने वाली खबर थी कि कहीं-कही मोमों में कुत्ते के मांस का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन ताजा खबर ये है कि दिल्ली के राजखुर्द में मोमों खाने से 25 लोग बीमार हो गए है.
जिनमें दो बच्चों की हालत तो इतनी खराब हो गई कि उन्हे ICU में भर्ती कराना पड़ा. ऐसे में ये सवाल बड़ा है कि मोमो स्वाद तो दिला रहा है लेकिन क्या ये स्वास्थ्य बिगाड़ रहा है. दिल्ली की सड़कों पर बिकने वाले मोमोज ने इस दो बच्चों को ICU तक ला दिया और राजखुर्द में 25 से ज्यादा लोगों को बीमार कर दिया. ये दोनों बच्चे बसंत कुंज के फोर्टिस में भर्ती है.
मामला गंभीर है क्योकि तबियत में सुधार नहीं आया है. इसी वजह से शिकायत महरौली के थाने मे दर्ज कर दी है. ये पहली बार नही है 10 दिन पहले 28 जुलाई को दिल्ली के उत्तमनगर में ऐसी ही शिकायत आई और एक ही परिवार के सात लोग बीमार हो गए. उल्टी पेटदर्द की शिकायत के बाद सभी को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा.
ऐसी ही 22 जुलाई को एक इनफोर्समेंट विंग की टीम ने मोमोज की दुकानों पर छापे मारे. फूड क्वालिटी की जांच कराई और 20 दुकानों पर ताला लगवा दिया. इतना ही नहीं आर्मी कैंटिन इलाके में भी मोमोज बेचने पर रोक लगा दी गई.
हैरानी तो तब हुई जब ये दावा किया गया कि दिल्ली कैंट बोर्ड के सीईओ रेड्डी शंकर बाबू को ऐसी शिकायत मिल रही थी कि चिकन मोमोज में कुत्ते के मीट का इस्तेमाल किया जा रहा है. कुत्ते के मांस का मोमोंज में इस्तेमाल होने का शक लोगों को इसीलिए भी हुआ क्योकि कुछ वक्त पहले ऐसा एक मामला गुड़गांव से आया था जहां पॉश इलाके से पालतू कुत्ते गायब हो रहे थे.
लोगों को शक है कि अवैध बुचड़खाने बंद होने की वजह से इन कुत्तों को शिकार बनाया जा रहा है और मोमोज, बिरयानी, और कबाब में कुत्ते के मीट का इस्तेमाल हो रहा है. एक रिसर्च के मुताबिक कुत्ते का मांस ज्यादा दिन तक फ्रेश रहता है. एक अनुमान के मुताबिक एशियाई देशों में मांस के अवैध कारोबार के लिए हर साल 20 लाख कुत्तों को मारा जाता है.
वियतनाम में सबसे ज्यादा कुत्ते का मांस खाया जाता है. पिछले कुछ सालों में पूरे एशिया में कुत्ते के मांस का अवैध कारोबार बढ़ा है. ऐसे में मोमोज में कुत्ते के मांस होने का शक और दावा बेवजह भी नहीं हो सकता. बेशक ये तीनों मामले दिल्ली के है लेकिन ये खबर पूरे देश के लिए है और हर किसी को आगाह करने वाली है.