नई दिल्ली. दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले सड़क डीएनडी टोल टैक्स को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. उम्मीद की जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट में कैग टोल कंपनी के खातों की जांच रिपोर्ट दे सकती है.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कैग (CAG) को कंपनी के खातों की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि CAG बताए कि टोल बनाने में कितना खर्च आया और कंपनी अब तक कितना टोल वसूल चुकी है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने टोल वसूलने पर लगी रोक हटाने से भी इंकार कर दिया था.
कंपनी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ये प्रोजेक्ट 1991-92 की है, जब कंपनियां देश में आने को तैयार नहीं थीं. 1997 में MOU साइन हुआ था और 2001 में ये शुरू हुआ. पिछले छह साल से कंपनी घाटे में चल रही है. शर्त के मुताबिक, 20 फीसदी सालाना इंटरनल रेट आफ रिटर्न यानी IRR मिलना चाहिए.
इससे पहले कंपनी ने कोर्ट को बताया था कि उन्होंने अभी तक 1135 करोड़ रुपये खर्च किया है, जबकि उनकी कमाई अभी तक 1103 करोड़ की हुई है. तब कोर्ट ने कहा था कि बस 32 करोड़ रुपये आपके बकाया निकलते हैं.
वहीं कोर्ट ने नोएडा ऑथोरिटी से पूछा था कि आप किसके साथ हैं कंपनी के साथ या उनके साथ जिन्होंने जनहित याचिका दाखिल की थी. तब नोएडा ऑथोरिटी की तरफ से बताया गया था कि अभी उनका कोई अधिकारी कोर्ट रूम में नहीं है. जिस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि आपके अधिकारी मामले को लेकर क्यों गंभीर नहीं हैं.
कोर्ट ने फिलहाल आदेश सुरक्षित रख लिया था कि क्या टोल कंपनी की कमाई का ऑडिट होगा या नहीं, और होगा तो कौन करेगा. CAG या कोई स्वतंत्र ऑडिटर. कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से भी इंकार कर दिया है.