नई दिल्ली: देश में बढ़ती असहनशीलता का आरोप अब तक विरोधी पार्टियों के नेता लगा रहे थे, लेकिन अब देश के उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन इस विवाद को फिर हवा दे दी. 10 साल तक उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी ने कहा है कि मुस्लिमों के अंदर असुरक्षा और बेचैनी का भाव है. ऐसा किसी एक राज्य में नहीं, बल्कि पूरे देश में है.
उपराष्ट्रपति के तौर पर 80 साल के हामिद अंसारी का दूसरा कार्यकाल आज पूरा हो रहा है. लेकिन जाते जाते हामिद अंसारी मोदी सरकार पर निशाना साध गए. अपने कार्यकाल के ठीक एक दिन पहले हामिद अंसारी ने एक इंटरव्यू में कहा कि लोकतंत्र में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा बेहद जरूरी है.
हामिद अंसारी के मुताबिक देश के मुसलमानों में बेचैनी और असुरक्षा का माहौल है और साथ ही देश में ‘स्वीकार्यता का माहौल’ खतरे में है. हालाकि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी के कार्यकाल के आखिरी दिन पीएम मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की और कहा कि हामिद ने राज्यसभा को अच्छी तरह से चलाया और सभी को मौका दिया.
अंसारी ने मॉब लिंचिंग, घर वापसी जैसे मामलों और तर्कवादियों की हत्याओं को भारतीय मूल्यों के खात्मे जैसा करार दिया. सरकारों पर निशाना साधते हुए अंसारी ने कहा कि ये मामले ऐसे थे जिनसे लग रहा था कि अलग-अलग स्तर पर अलग-अलग जगहों पर सामान्य कानून को लागू करने में शासन असमर्थ है.
दो दिन में दो बार सरकार पर अपरोक्ष हमले करते हुए अंसारी ने एक तरह से अपना विरोध तो प्रकट किया ही सरकार पर भी सवाल खड़ा कर दिये. ऐसा पहली बार नहीं है जब अंसारी खुलकर मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करते दिखे, बल्कि इससे पहले भी वह कई बार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं.
क्या सचमुच देश में मुस्लिम बेचैन और असुरक्षित हैं ? हामिद अंसारी ने उप राष्ट्रपति पद से जाते-जाते मुस्लिमों की असुरक्षा का मुद्दा क्यों उछाला, आज इन्हीं सवालों पर होगी महाबहस.
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