नई दिल्ली : अयोध्या विवाद मामले में शिया वक़्फ़ बोर्ड ने 1946 के निचली अदालत के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जिसमें कोर्ट ने 1946 में शिया वक़्फ़ बोर्ड के उस दावे को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि बाबरी मस्ज़िद को बाबर ने नही बल्कि मीर बकी ने बनाई थी. इस मामले के 71 सालों के बाद अब शिया वक़्फ़ बोर्ड ने उस फैसले को चुनौती दी है.
इस दौरान शिया वक़्फ़ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में पहली बार स्वीकार किया कि राम मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया गया था. साथ ही ये मस्जिद बाबर ने नहीं मीर बकी ने बनवाई थी. इस मामले पर कल (शुक्रवार) को सुनवाई हो सकती है.
बता दें कि शिया वक्फ बोर्ड इस जमीन को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड से 1945 में ही केस कार गया था और तब से राम जन्मभूमि पर चल रहे केस में मुसलमानों का पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड ही रख रहा है.
सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे पर शिया वक़्फ़ बोर्ड ने कहा है कि बाबरी मस्जिद मीर बकी ने बनवाई थी जो कि शिया था इसलिए उसे मामले में सुना जाए. शिया बोर्ड ने कहा कि 1946 तक बाबरी मस्जिद उनके पास थी जिसे अंग्रेज़ों ने ग़लत क़ानून प्रक्रिया से सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को दे दिया था.