बाल विवाह पर SC सख्त, सरकार से पूछा- तीन साल में ऐसे कितने मामले दर्ज हुए ?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बाल-बिवाह जैसे मुद्दे पर कड़ा सुख अपनाते हुए सरकार से पिछले 3 साल में हुए बाल-बिवाह के मुकदमों की जानकारी देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट के इस कदम को भारत में बाल-विवाह रोकने और उस पर निषेद लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी कहा जा रहा है.

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बाल विवाह पर SC सख्त, सरकार से पूछा- तीन साल में ऐसे कितने मामले दर्ज हुए ?

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  • August 9, 2017 6:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बाल-बिवाह जैसे मुद्दे पर कड़ा सुख अपनाते हुए सरकार से पिछले 3 साल में हुए बाल-बिवाह के मुकदमों की जानकारी देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट के इस कदम को भारत में बाल-विवाह रोकने और उस पर निषेद लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी कहा जा रहा है.
 
आपको बता दे, पिछले काफी समय से सुप्रीम कोर्ट अलग-अलग सरकारों से इसी प्रकार के सामाजिक मुद्दों पर जानकारी लेता आया है और सामाजिक सुधार की तरफ़ कदम उठाने की हिदायत देता आया है.
 
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बाल-बिवाह के मुकदमों के साथ-साथ सरकार को बाल-विवाह निषेध अधिकारियों की जानकारी भी देने को कहा है और साथ ही सरकार से यह भी पूछा है कि क्या उनके पास बाल विवाह रोकने के लिए उपयुक्त श्रम शक्ति है.
 
 
साल 2011 के भारतीय सेन्सस से यह पता चला था की भारत मे कुल 1 करोड़ 20 लाख से जादा लोगों का विवाह 10 वर्ष की उम्र से भी कम में हुआ था जिस्मे से 65 फीसदी महिलाए थी और यह एक बेहद चौंकना वाले आंकड़े साबित हुए थे. 
 
 
हालांकि, उसी सेन्सस में भारतीय लड़किओं के विवाह की औसत आयु 21.2 वर्ष बताई गयी है. आपको बता दे, चाइल्ड मैरिज एक्ट के अनुसार 1978 से भारत मे महिलाओं के लिए विवाह करने कि न्यूनतम कानूनी आयु 18 वर्ष वहीं पुरुषों के लिए यह 21 वर्ष रखी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इन मुद्दों पर सरकार को 3 सप्ताह के भीतर जवाब देखर अपना पक्ष रखने को कहा है.

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