SC में केंद्र सरकार की दो टूक, कहा- वोटिंग कैसे होगी ये वोटर तय नहीं करेगा

चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ-साथ वोट वेरिफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल(वीवीपीएटी) के इस्तेमाल को जरूरी बताने की याचिकाओं का केंद्र सरकार ने विरोध किया है. सरकार ने कहा कि मतदाताओं को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि वोट कैसे पड़ना चाहिए.

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SC में केंद्र सरकार की दो टूक, कहा- वोटिंग कैसे होगी ये वोटर तय नहीं करेगा

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  • August 9, 2017 1:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ-साथ वोट वेरिफाइबल पेपर ऑडिट ट्रेल(वीवीपीएटी) के इस्तेमाल को जरूरी बताने की याचिकाओं का केंद्र सरकार ने विरोध किया है. सरकार ने कहा कि मतदाताओं को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि वोट कैसे पड़ना चाहिए.
 
कानून मंत्रालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया कि वीवीपीएटी महज ईवीएम की बैकअप सुविधा है. मंत्रालय ने कहा कि ईवीएम विश्वसनीय है और इसकेसाथ छेड़छाड़ संभव नहीं है. न तो सुप्रीम कोर्ट और न ही किसी अन्य ने ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर कोई आदेश पारित किया है.
 
 
ऐसे में उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जाना चाहिए जिनमें वीवीपीएटी के इस्तेमाल जरूरी करने की गुहार की गई है. मंत्रालय ने कहा है कि वोट देने का अधिकार के तहत यह नहीं आता कि मतदाताओं को यह चुनने का अधिकार हो कि वोट किस प्रकार पड़ना चाहिए. यह काम चुनाव आयोग पर छोड़ दिया जाना चाहिए.
 
 
बता दें कि आने वाले विधानसभा चुनाव 2018 में अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से पर्ची निकलेगी. इस पर्ची में सीरियल नंबर, प्रत्याशी का नाम और उसका चुनाव चिन्ह अंकित होगा.
 
 
हालांकि, यह पर्ची वोटर को नहीं दी जाएगी, लेकिन चुनाव आयोग इस पर्ची के तौर पर रिकार्ड को संभालकर रखेगा. जरूरत पड़ने पर पर्ची से वोट का मिलान किया जा सकता है. दरअसल, ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों के बाद अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव ईवीएम में नई वोट वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपेड) मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा.
 

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