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‘भारत छोड़ो आंदोलन’: संसद में PM मोदी बोले- विश्व के लिए प्रेरणा का कारण बन सकता है हमारा देश

भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह पर बुधवार को लोकसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया गया. लोकसभा में इस सत्र के दौरान पीएम मोदी ने आंदोलन के नायकों को याद किया साथ ही कहा कि आज का दिन हम सबके लिए गौरव का दिन है. उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को बापू के इस आंदोलन की कल्पना अंग्रेजों ने भी नहीं की थी.

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  • August 9, 2017 7:00 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं सालगिरह पर बुधवार को लोकसभा के विशेष सत्र का आयोजन किया गया. लोकसभा में इस सत्र के दौरान पीएम मोदी ने आंदोलन के नायकों को याद किया. साथ ही कहा कि आज का दिन हम सबके लिए गौरव का दिन है. उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को बापू के इस आंदोलन की कल्पना अंग्रेजों ने भी नहीं की थी. 
 
लोकसभा में सदन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 1942 क आंदोलन आजादी की नींव थी. 1857 से 1947 तक कई पड़ाव आए. 1942 की लड़ाई ने देश को उस छोड़ पर ला कर खड़ा कर दिया था, कि आज नहीं तो कभी नहीं. उस आंदोलन से हर तबके लोग जुड़े थे. इस आंदोलन को सबने अपना माना और गांधी के सपने को लेकर चल दिये.
 
पीएम मोदी ने कहा कि यही वो समय था, जब महात्मा गांधी ने पहली बार करो या मरो का नारा दिया था. करो या मरो का नारा पूरे देश के लिए अजूब था. देश के लिए करो या मरो का नारा महात्मा गांधी के मुंह से सुनना हर धारा के लोगों के लिए नया था. हालांकि, बापू ने अहिंसा का मार्ग नहीं छोड़ा. उस समय स्थिति ही ऐसी बन गई थी कि बापू को ये कहना पड़ा.
 
 
पीएम मोदी ने कहा कि आंदोनल के शुरुआत में ही महात्मा गांधी को नजरबंद कर दिया गया. भारत छोड़ो आंदोलन को जेपी और लोहिया ने आगे बढ़ाया. सच कहूं तो युवाओं ने आंदोलन को आगे बढ़ाया. इस आंदोलन का प्रभाव ही कुछ ऐसा था कि गांव हो, टीचर हो या स्टूडेंट हो सभी इससे जुड़ गये. 
 
पीएम मोदी ने सदन में बोलते हुए कहा कि बापू इस आंदोलन को ऊंचाईयों तक ले गये और इसी का परिणाम था कि भारत गुलामी की जंजीर से आजाद हो पाया. उन्होंने कहा कि इतिहास की याद हमें ताकत देती है
 
पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिटिश उपनिवेशवाद का आरंभ भारत से हुआ और भारत की आजादी के बाद अंत भी यहीं से हुआ. आजादी की ललक पूरी दुनिया में फैलाने में भारत एक कारक बन गया था. यही वजह है कि कुछ समय में ही पूरे विश्व में ब्रिटेन का उपनिवेश खत्म हो गया. 
 
 
मोदी ने कहा कि इस आंदोलन ने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई. इस आंदोलन के पांच साल बाद देश को आजादी मिली, मगर नीव इसी आंदोलन ने रखी. उन्होंने कहा कि 1942 में भी कई धारा लोग थे, मगर गांधी के नेतृत्व में सबने समर्थन दिया था. 
 
मोदी ने वर्तमान परिदृश्य को रेखांकित करते हुए कहा कि अभी भारत के पास ऐसे मौके हैं और स्थितियां हैं कि विश्व के कई देशों के लिए हमारा देश प्रेरणा का कारण बन सकता है. ये समय की मांग है कि हम देश को समस्याओं से मुक्त कराने के लिए सब साथ आएं. 
 
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए दल से ऊपर देश होता है, राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति होती है. मेरे ऊपर सवा सौ करोड़ देशवासी होते हैं. अगर हम सब मिलकर आगे बढ़ें तो देश के तमाम समस्याओं के खिलाफ आगे बढ़ सकते हैं. भ्रष्टाचार ने देश को दीमक की तरह खाया है. आज जरूरत है इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी जाए. 
 
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वां साल जब हम  2022 में मनाएंगे तो हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम एक नये भारत का निर्माण करेंगे, जहां भ्रष्टाचार, कुपोषण और अन्य समस्याओं का नामोंनिशान नहीं होगा. 
 
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के सामने आजादी की समस्या नहीं है, बल्कि हमारे लिए गरीबी, कुपोषण और अशिक्षा चुनौती है. हमें इनके खिलाफ लड़ना है. ये सिर्फ सरकार की चुनौती नहीं, बल्कि हम सबकी चुनौती है. आज महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज्य का सपना पीछे छूट गया. गांव, गरीब, किसान सब पीछे छूट गये हैं. 
 
 
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी भारत की इच्छा शक्ति का परिणाम थी. उन्होंने देश में जाने अनजाने में अधिकार भाव प्रबल होता गया और कर्तव्य भाव दूर होता गया. अगर हम कर्तव्य भाव को थोड़ा सा भी कम आंकने लगेंगे तो इससे समाज का भला नहीं होगा. इस आंदोलन में 60 हजार से अधिक लोग गिरफ्तार हुए थे.जेपी और लोहिया ने इस आंदोलन को आग बढ़ाया.
 

उन्होंने कहा कि हमें स्वच्छता पर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. गांव में शौचालय की उपयोग को बढ़ावा देना होगा. गांव को स्वच्छ बनाना होगा. छोटी-छोटी बात पर लोग हिंसक हो जाते हैं. इससे बचना बोगा. हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि स्वच्छता और शौचालय आज की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने में भी देश की माताओं बहनों का काफी योगदान था. महिला सशक्तिकरण आज की जरूरत है. 
 

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