गुजरात राज्यसभा चुनाव: चुनाव आयोग की सख्ती के बाद गांधीनगर में वोटों की गिनती शुरू

गुजरात में राज्यसभा की 3 सीटों के चुनाव नतीजों पर तमाम तरह के सस्पेंस के बीच देर रात करीब 1.30 बजे मतगणना शुरू हो गई है. चुनाव आयोग ने रात 11.30 बजे गिनती करने का आदेश दिया लेकिन बीजेपी ने वोटों की गिनती का काम रोक रखा था.

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गुजरात राज्यसभा चुनाव: चुनाव आयोग की सख्ती के बाद गांधीनगर में वोटों की गिनती शुरू

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  • August 8, 2017 8:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. गुजरात में राज्यसभा की 3 सीटों के चुनाव नतीजों पर तमाम तरह के सस्पेंस के बीच देर रात करीब 1.30 बजे मतगणना शुरू हो गई है. चुनाव आयोग ने रात 11.30 बजे गिनती करने का आदेश दिया लेकिन बीजेपी ने वोटों की गिनती का काम रोक रखा था.
 
चुनाव आयोग ने मंगलवार की रात 11.30 बजे आदेश दिया था कि कांग्रेस के 2 बागी विधायकों का वोट रद्द करते हुए बाकी 174 वोटों की गिनती की जाए. लेकिन गांधीनगर में बीजेपी नेताओं ने मतगणना का काम शुरू होने नहीं दिया. कांग्रेस नेता अर्जुन मोड़वाडिया ने भी मीडिया से कहा था कि बीजेपी ने वोटों की गिनती का काम रोक रखा है और अभी तक एक भी वोट नहीं गिना गया है.
 
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने चुनाव आयोग से कहा था कि उसने कांग्रेस का पक्ष सुनकर एकतरफा फैसला सुनाया है जो उसे मंजूर नहीं है. बीजेपी का कहना था कि जब तक उसका पक्ष नहीं सुना जाएगा तब तक वो मतगणना नहीं होने देगी. लेकिन चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई है और वोटों की गिनती देर रात 1.30 बजे शुरू हो गई.
 
 
चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस की मांग मान लेने के बाद बीजेपी नेता और गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने फैसले की आलोचना की थी और कहा था कि पार्टी नेतृत्व से विचार-विमर्श के बाद जरूरत हुई तो इस मामले को लेकर पार्टी कोर्ट जाएगी.
 
कांग्रेस ने अपने दो बागी विधायक भोला भाई गोहिल और राघव भाई पटेल का वोट रद्द करने की मांग इस आधार पर थी कि दोनों ने अनाधिकृत रूप से राज्यसभा चुनाव के कैंडिडेट व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और निर्दलीय बलवंत सिंह राजपूत को दिखाकर वोट डाले थे.
 
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने भी कांग्रेस के ऐसे 2 विधायकों का मामला चुनाव आयोग के सामने उठाया है जिन्होंने भोला भाई गोहिल और राघव भाई पटेल की तरह बैलट दिखाकर वोट डाला था. बीजेपी चाहती है कि इन दोनों का वोट भी रद्द हो.
 
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी की रणनीति ये थी कि या तो चुनाव आयोग आधी रात में उसकी बात सुने या फिर वो बुधवार की सुबह सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट जाकर आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटा सके और जब तक वो कोर्ट ना जाए तब तक वोटों की गिनती ना हो पाए. लेकिन आयोग ने वोटों की गिनती कराने का फैसला किया है.
 
इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस नेताओं की टीम दो-दो बार चुनाव आयोग गई थी और आयोग ने इस मसले पर दोनों पार्टियों की दलीलें सुनीं थी. बीजेपी ने कांग्रेस पर बिना मतलब का बखेड़ा करने का आरोप लगाते हुए मतगणना शुरू करने की मांग की थी जबकि कांग्रेस दोनों वोट कैंसिल करने के बाद ही वोटों की गिनती करने कह रही थी.
 
 
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले और चुनाव आचार संहिता के सेक्शन 39 के मुताबिक ये वोट कैंसिल होना चाहिए. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और आनंद शर्मा ने कहा कि चुनाव आयोग ने हरियाणा में इसी तरह दिखाकर वोट करने के बाद उनकी पार्टी के एक विधायक का वोट कैंसिल कर दिया था.

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