युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से दूर करने के लिए सरकार अब गंभीर नज़र आ रही है.सरकार इसके लिए न केवल संबंधित समुदाय के सदस्यों का सहयोग लेगी बल्कि कट्टरपंथी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की निगरानी और सही समय पर सूचना साझा करने जैसे कदम उठाने पर भी नीति बना रही है.
नई दिल्ली. युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से दूर करने के लिए सरकार अब गंभीर नज़र आ रही है.सरकार इसके लिए न केवल संबंधित समुदाय के सदस्यों का सहयोग लेगी बल्कि कट्टरपंथी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की निगरानी और सही समय पर सूचना साझा करने जैसे कदम उठाने पर भी नीति बना रही है.
केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक में आईएसआईएस जैसी कट्टरपंथी विचारधारा को निष्क्रिय करने की रणनीति को औपचारिक रूप दिया गया जिसने पूरी दुनिया में हजारों युवकों को प्रभावित किया है. चरमपंथ विरोधी प्रयास में युवाओं की काउंसिलिंग, समुदाय के बुजुर्ग सदस्यों द्वारा युवा पीढ़ी को अतिवादी विचारधारा से प्रभावित नहीं होने के लिए मनाया जाना आदि शामिल है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस बात पर भी ध्यान दिया जाएगा कि आईएसआईएस जैसे समूहों में शामिल होने की योजना बना रहे युवकों के बारे में रिपोर्ट पर कैसे त्वरित कदम उठाए जाएं और कैसे भारतीय युवकों को चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित होने से बचाया जाए. बैठक में जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, असम, पंजाब, पश्चिम बंगाल और दिल्ली (पुलिस आयुक्त) सहित एक दर्जन राज्यों के डीजीपी और गृह सचिव या उनके प्रतिनिधि शामिल हुए.
एक सूत्र ने कहा, ‘किसी भी धर्म की कट्टरपंथी विचाराधरा की तरफ आकर्षण होना चिंता की बात है. भारतीय युवकों को कट्टर बनने से रोकने के लिए हम ठोस व्यवस्था बनाने की प्रक्रिया में हैं.’ एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक देश भर में करीब 25 युवकों की पहचान की गई है जो आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित हैं और समूह में शामिल होना चाहते हैं. गृह मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि देश के अंदर अंदरूनी सुरक्षा चुनौतियों और उभरते खतरे से राज्यों को वाकिफ कराने के लिए बैठक हुई.
एजेंसी