जानिए नए उपराष्ट्रपति के बारे में
आंध्र प्रदेश से आने वाले वेंकैया नायडू ने संघ और एबीवीपी से राजनीतिक सफर की शुरुआत की. जनसंघ से सक्रिय राजनीति शुरू करने वाले वेंकैया ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर तय किया. कहा जाता है कि बीजेपी में अध्यक्ष कोई भी रहा, वेंकैया सबके चहेते रहे.वेंकैया नायूड दक्षिण भारत से आने वाले ऐसे राजनेता हैं, जिनकी हिंदी पर भी शानदार पकड़ है. सियासत की दुनिया में वेंकैया की वनलाइनर बेहद मशहूर है. वेंकैया का जन्म 1 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम के एक कम्मा परिवार में हुआ था. वेंकैया बचपन के दिनों में ही आरएसएस से जुड़ गए. उन्होंने वी आर हाईस्कूल नेल्लोर से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वी आर कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरी की. फर्स्ट डिवीजन से ग्रेजुएशन करने के बाद वेंकैया ने आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापत्तनम से लॉ की डिग्री ली. 1974 में वो आंध्र यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए. 1972 में वेंकैया जय आंध्र आंदोलन के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए. छात्र राजनीति के दौरान जयप्रकाश नारायण से प्रभावित होकर उन्होंने इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलन में भी हिस्सा लिया.
आपातकाल के दौरान वेंकैया जेल भी गए. इमरजेंसी खत्म होने के बाद वो 1977 से 1980 तक जनता पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष रहे. 1978 से 1985 तक वेंकैया दो बार आंध्र विधानसभा के सदस्य भी रहे. 1980 से 1985 तक आंध्र प्रदेश विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता रहे. इसके बाद 1985 से 1988 तक बीजेपी की आंध्र प्रदेश इकाई के महासचिव की जिम्मेदारी निभाई. 1988 से 1993 तक राज्य बीजेपी के अध्यक्ष रहे. 1993 में वेंकैया राष्ट्रीय राजनीति में आए और 1993 से 2000 तक बीजेपी के महासचिव, संसदीय बोर्ड के सचिव, केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य और प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभाई. 1998 में पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के सदस्य चुने गए. राज्यसभा में लगातार तीन बार कर्नाटक की नुमाइंदगी करने के बाद चौथी बार वो राजस्थान से संसद के ऊपरी सदन पहुंचे. वेंकैया वाजपेयी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे. 2002 से 2004 तक वेंकैया बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे. उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने से पहले उनके पास मोदी सरकार में शहरी विकास और सूचना-प्रसारण जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी.