नई दिल्ली: महिलाओं और लड़कियों की चोटी काटने का जो बवाल जून में राजस्थान से शुरू हुआ था, वो अब दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश और यूपी तक फैल गया है. किसी ने चोटी काटने वाले को नहीं देखा. किसी भी केस में पुलिस को रहस्यमय चोटीकटवा के बारे में कोई सबूत नहीं मिला.
अब तक तीन घटनाओं से इस बात का पर्दाफाश भी हो चुका है कि महिलाओं और लड़कियों ने खुद अपने बाल काटे और चोटीकटवा का शोर मचा दिया. इसके बावजूद चोटीकटवा की अफवाह थमने का नाम नहीं ले रही. आखिर चोटी काटने की घटनाओं का सच क्या है ? ये किसी की शरारत है या सामूहिक सनक, पांच राज्यों की पुलिस की नाक में दम करने वाले इसी मुद्दे पर होगी महाबहस.
अफवाहों के पैर नहीं होते, पंख होते हैं, इसलिए अफवाहें तेज़ी से उड़ती हैं. एक अफवाह दो महीने पहले राजस्थान से उड़ी कि कोई महिलाओं की चोटी काट रहा है. राजस्थान से उड़ते-उड़ते इस अफवाह ने अब हरियाणा, दिल्ली, यूपी और मध्यप्रदेश को अपनी चपेट में ले रखा है. आगरा में एक बुजुर्ग महिला की हत्या चोटीकटवा होने के शक में हो चुकी है.
इंडिया न्यूज़ लगातार सबूतों के साथ लोगों को आगाह कर रहा है कि चोटीकटवा जैसा कोई इंसान या जीव नहीं है. ये सिर्फ मन का वहम है, जिसका शिकार होकर महिलाएं खुद अपनी चोटी काट रही हैं. यकीन ना हो तो चोटी कटवा का एक और सच देख लीजिए. राजस्थान के धौलपुर की राजकुमारी नाम की महिला की गुरुवार को चोटी कट गई. चोटीकटवा से परेशान पुलिस ने जांच शुरू की, तो थोड़ी देर बाद महिला ने खुद कबूल कर लिया कि मानसिक तनाव में थी और उसी तनाव में उसने खुद अपनी चोटी पत्थरों से रगड़ कर काट दी.
चोटीकटवा का सच क्या है, इसके दो नमूने इंडिया न्यूज़ ने गुरुवार को भी दिखाए थे. जयपुर में एक महिला की तस्वीर हमने दिखाई थी, जो सड़क पर बाल फेंकती दिख रही थी. गोरखपुर में चोटी कांड का खुलासा हुआ तो पता चला कि 14 साल की लड़की ने तांत्रिक के कहने पर खुद अपने बाल काटे और अफवाह फैल गई कि चोटी कटवा आया था.
एक के बाद एक सच्चाई सामने आने के बाद भी ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो चोटीकटवा को सच मान रहे हैं. राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, एमपी से चोटी काटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. महिलाएं और लड़कियां अपने कटे बाल दिखाकर चोटी कटवा की जो कहानी सुना रही हैं, वो हैरतअंगेज है, जिस पर यकीन करना भी मुश्किल है.
पुलिस को अब तक चोटी कटवा के बारे में कोई सबूत नहीं मिला है. मनोचिकित्सक समझा रहे हैं कि ये सिर्फ लोगों का भ्रम है जो सामूहिक सनक यानी मॉस हिस्टीरिया में बदल रहा है. पुलिस भी समझा रही है कि लोग चोटी कटवा की अफवाहों पर ध्यान ना दें.
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