नई दिल्ली: यूपी के मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर करने के प्रस्ताव को लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ. राज्यसभा में समाजवादी पार्टी ने मुगलसराय स्टेशन का नाम बदले जाने का मुद्दा उठाया और सरकार पर जगहों की पहचान बदलने को लेकर सवाल उठाए.
मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को यूपी सरकार हरी झंडी दे चुकी है. योगी सरकार के इस फैसले को गृह मंत्रालय ने भी मंजूरी दे दी है. सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में कहा कि सरकार यूपी का भूगोल बदलना चाहती है. यह स्टेशन हिन्दुस्तान के सबसे पुराना स्टेशन है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में लोग मुगलसराय स्टेशन को जानते हैं.
सपा सांसद को जवाब देते हुए कहा कि मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि वो लोग मुगलों के नाम पर स्टेशन का नाम रख लेंगे, दीन दयाल उपाध्याय का नाम नहीं रखेंगे. शून्यकाल में नरेश अग्रवाल ने नियम 267 के तहत मुद्दा उठाते हुए सरकार पर हमला बोला और स्टेशन का नाम बदले जाने का विरोध किया. काफी विरोध होने के बाद कार्यवाही कुछ देर की बाधित हुई और बैठक को एक बार 10 मिनट के लिए स्थगित किया.
बता दें कि मोदी सरकार ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है. अब मुगलसराय स्टेशन का नाम जन संघ लीडर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर हो जाएगा. यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने केंद्र के सामने रखा था. इसका मुख्य मकसद दीनदयाल उपाध्याय की विरासत को पुनर्जीवित करना था.
केवल मुगलसराय ही ऐसा स्टेशन नहीं है जिसका नाम बदला गया हो. हाल ही में मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के नाम के आगे महाराजा जोड़ा गया है. जिसके बाद इसका पूरा नाम महाराजा छत्रपति शिवाजी टर्मिनल हो गया है. वहीं बेंगलुरु सिटी रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर क्रांतिवीर संगोल्ली रायणा कर दिया गया है. यह नाम कर्नाटक के लोगों की मांग पर बदला गया है. मई 2016 में ऐसा किया गया. बता दें कि संगोल्ली 19वीं सदी के महान क्रांतिकारी थे.