नई दिल्ली : नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआईए) अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और उनके खानदान पर पूरी तरह से शिकंजा कंसने की तैयारी में है. गिलानी की ओर से टेरर फंडिंग करने के मामले में एनआईए जांच तो कर ही रहा है लेकिन अब गिलानी और उनके परिवार की 14 संपत्तियों को भी चिन्हित किया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक एनआईए ने गिलानी परिवार की जिन संपत्तियों को चिन्हित किया है उनकी कुल कीमत 100 से 150 करोड़ के बीच बताई जा रही है. गिलानी की इन संपत्तियों में बेनामी और हवाला, दिल्ली में फ्लैट, शैक्षणिक संस्थान और कश्मीर में खेती की जमीन शामिल की गई है.
एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक गिलानी की संपत्तियों में सबसे महत्वपूर्ण सोपोर में स्थित यूनिक पब्लिक स्कूल है. यह स्कूल सात एकड़ की जमीन पर बना है और इसकी कीमत करीब 30 करोड़ बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि स्कूल के लिए गिलानी के संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत को यह जमीन साल 2001 में दान में दी गई थी.
बता दें कि एनआईए लगातार सैयद अली शाह गिलानी पर शिकंजा कंसता जा रहा है. एनआईए कश्मीर में आतंकवादियों और पत्थर फेंकने वालों की हवाला के जरिए पाकिस्तानी फंडिंग की जांच भी कर रही है. इस मामले में एनआईए गिलानी के बेटों से भी पूछताछ करना चाह रही है, लेकिन गिलानी के दोनों बेटों ने पूछताछ के लिए भेजे गए समन को नजरअंदाज कर दिया था, जिसके बाद अब एनआईए गिलानी के दोनों बेटों से पूछताछ के लिए वारंट मांगने कोर्ट जा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक एनआईए ने गिलानी के बड़े बेटे नईम गिलानी को 27 जुलाई के सम्मन के बाद भी पेश नहीं होने पर दोबारा सम्मन भेजा है. नईम पहला सम्मन मिलने के बाद छाती में दर्द की शिकायत के बाद से अस्पताल में भर्ती हैं. हुर्रियत नेताओं का कहना है कि 2009 में नईम को दिल का दौरा पड़ा था और ज्यादा मानसिक दबाव देने से उनकी हालत बिगड़ सकती है.
एनआईए ने अब गिलानी के छोटे बेटे नसीम गिलानी को भी पूछताछ के लिए हाजिर होने का नोटिस भेजा था और नसीम को 2 अगस्त को दिल्ली मुख्यालय में पेश होना था लेकिन वह पेश नहीं हुए थे.