बीजिंग : डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है, डोकलाम में शांति बनाए रखने के लिए भारत तमाम कोशिशें कर रहा है लेकिन चीन अपने धमकी भरे अंदाज से बाज नहीं आ रहा है. चीन सेना ने भारत को धमकी देते हुए कहा कि वह अगर भारत सच में शांति ही चाहता है तो उन्हें अपने सैनिकों को वापल बुला लेना चाहिए. भारत को धमकाते हुए चीन ने कहा कि अगर वह सैनिकों को वापस नहीं बुलाते तो उन्हें इसका गंभीर परिणाम भुगतना होगा.
जिस क्षेत्र में चीन सड़क का निर्माण करना चाहता है उस पर भारत का कहना है कि ये क्षेत्र भूटान का हिस्सा है. चीन ने भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वह शांति कायम करना चाहते हैं तो वह अपनी इस इच्छा को अपने काम से दिखाएं. भारत ने डोकलाम क्षेत्र में सीमा पर 48 भारतीय सैनिकों को तैनात किया गया है ताकि चीन अपने सीमा क्षेत्र में सड़क निर्माण न कर सके.
गौरतलब है कि इस मामले में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को राज्यसभा में चीन मामले पर बयान देते हुए कहा कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है, उन्होंने कहा कि भारत-चीन-भूटान इस मसले का समस्या का हल बातचीत से निकालेंगे. इसी के साथ उन्होंने कहा कि भारत अपने सम्मान की रक्षा के लिए तैयार है लेकिन हम शांति को प्राथमिकता देना चाहते हैं.
चीन रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत शायद इस भ्रम में है कि देर करने से डोकलाम समस्या का हल निकल आएगा, अगर ऐसा है तो भारत खुद को इस भ्रम से बाहर निकाल ले. उन्होंने आगे धमकाते हुए कहा कि चीन अपने भूभाग की रक्षा के लिए पूरी तरह से सक्षम है. कुछ समय पूर्व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का एक ऐसा बयान आया है जो इस विवाद को और भी हवा दे सकता है. शी जिनपिंग ने कहा है कि चीन किसी भी कीमत पर जमीन का कोई भी टुकड़ा अलग नहीं होने देगा.