नई दिल्ली: गैरहाजिरी का मुद्दा उठने के बाद आज सांसद सचिन तेंदुलकर इस सत्र में पहली बार संसद में नजर आए. सचिन ने आज राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया. हालांकि उन्होंने सदन में कोई सवाल नहीं पूछा. दरअसल मंगलवार को समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में सचिन और रेखा की गैरहाजिरी का मुद्दा उठाया था.
नरेश अग्रवाल ने उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. गैरहाजिरी का मुद्दा उठने के बाद आज सचिन तो राज्यसभा पहुंचे, लेकिन सांसद रेखा नहीं आईं. मौजूद मॉनसून सत्र में रेखा अब तक एक दिन भी संसद नहीं आई हैं.
सांसद सचिन तेंडुलकर और रेखा साल 2012 में एक साथ राज्यसभा के लिए मनोनीत हुए थे. इसके बाद अब तक करीब 350 दिन तक राज्यसभा की कार्यवाही चली. इसमें सचिन सिर्फ 24 दिन ही संसद पहुंचे, जबकि रेखा मात्र 18 दिन ही सदन में मौजूद रहीं. पिछले बजट सत्र में भी दोनों सिर्फ एक-एक दिन ही सदन में मौजूद रहे.
बता दें कि नरेश अग्रवाल ने कहा कि अगर सचिन और रेखा के पास संसद की कार्यवाही में शामिल होने के लिए वक्त नहीं है तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए. हालांकि इस पर राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि दोनों ने सदन की कार्यवाही से छुट्टी ले रखी है. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती.
दरअसल सचिन तेंदुलकर और रेखा राज्यसभा के उन 12 सदस्यों में से हैं, जिन्हें राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं. यूपीए सरकार के दौरान साल 2012 में सचिन तेंदुलकर और रेखा एक साथ राज्यसभा पहुंचे थे. तब से अबतक राज्यसभा की कार्यवाही 350 दिन चली है.
इसमें सचिन सिर्फ 24 दिन ही सदन की कार्यवाही में शामिल हुए हैं. जबकि रेखा 18 दिन संसद पहुंची हैं. मौजूदा मॉनसून सत्र में दोनों माननीय सांसद अब तक एक भी दिन सदन की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं. पिछले बजट सत्र में भी दोनों एक-एक दिन ही संसद पहुंचे थे.
रेखा की खास बात ये है कि किसी भी सत्र में, वो एक दिन से ज्यादा हाजिर नहीं रहीं. सांसद के नाते सचिन तेंदुलकर को अपने क्षेत्र में काम करने के लिए 58 लाख 80 हजार रुपए सैलरी मिली है. जबकि रेखा को बतौर सांसद करीब 65 लाख रुपए सैलरी दी गई हैं.