नई दिल्ली. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गुरुवार को राज्यसभा में जमकर बरसीं. उन्होंने न सिर्फ भारत की विदेश नीति की तारीफ की, बल्कि पीएम मोदी के कार्यों की तारीफ भी कीं. चीन के मुद्दे से लेकर पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर विदेश मंत्री ने अपनी बात कही. विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व भर में देश को सम्मान दिलाया. नेपाल त्रासदी के वक्त नेपाल की सबसे ज्यादा मदद भारत ने की.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज राज्यसभा में कई मुद्दों पर अपनी बात रखीं. आइये जानते हैं उनके भाषण की 25 बड़ी और अहम बातें.
- चीन के साथ युद्ध पर बोलीं विदेश मंत्री, वॉर किसी भी समस्या का समाधान नहीं
- श्रीलंका में बाढ़ हो या नेपाल का भूकंप, सबसे पहले भारत पहुंचा.
- आज बांग्लादेश के साथ सबसे अच्छे संबंध किसी के हैं तो भारत के हैं, भूटान भारत का सबसे अच्छा दोस्त है.
- पाकिस्तान समेत सार्क देशों के सभी देशों को पीएम के शपथ ग्रहण में बुलाया गया. शपथ ग्रहण से पहले ही हमने विदेश नीति पर काम करना शुरू कर दिया था.
- पीएम आउट ऑफ द बॉक्स जाकर काबुल से लाहौर चले गए. कोई ये कैसे कह सकता है कि हमने शांति की पहल नहीं की.
- हर आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान उसे नकार देता था लेकिन पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान ने कहा कि हम एक कमेटी बनाकर इसकी जांच करेंगे.
- पाकिस्तान के साथ संबंध जब बिगड़े जब बुरहान वानी की मौत के बाद नवाज शरीफ ने उसे स्वतंत्रता सेनानी कहा
- आप रोडमैप की बात करते हैं तो हमने दोस्ती का रोडमैप बना दिया था लेकिन रोडमैप एक तरफा नहीं हो सकता. जिस दिन पाकिस्तान आतंकवाद खत्म कर देगा उस दिन वार्ता शुरू हो जाएगी.
- 1962 में हालात बिगड़ने के बाद वाजपेयी जी ने नेहरू जी को पत्र लिखकर सदन बुलाने की मांग की, काश आज विपक्ष ने भी वही किया होता
- बहुत दुख है कि प्रमुख विपक्षी दल के नेता ने चीन की स्थिति को समझने के लिए भारत के नेतृत्व से नहीं बल्कि चीन के राजदूत से मुलाकात की.
- कांग्रेस पर सुषमा स्वराज ने कहा ‘कांग्रेस का अधूरा काम हम कर रहे हैं’.
- नेपाल त्रासदी के वक्त नेपाल की सबसे ज्यादा मदद भारत ने की.
- पीएम मोदी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक को चुनौती देने का माद्दा है.
- हमने अलग-अलग पार्टियों को दो अलग-अलग दिन बुलाकर चीन से चल रहे विवाद की विस्तृत जानकारी दी
- किसी भी समस्या का समाधान युद्ध नहीं है, युद्ध के बाद भी संवाद करना पड़ता है.
- अब सामरिक क्षमता से नहीं बल्कि आर्थिक क्षमता से ताकत का अंदाजा लगाया जाता है.
- हम चीन के साथ डोकलाम पर ही नहीं बल्कि उनसे हमारी समग्र वार्ता चल रही है.
- स्पाउस वीजा 2015 में पीएम मोदी ने ही दिलाया. भारत की इस दलील को अमेरिका ने माना कि भारतीयों की पढ़ी-लिखीं पत्नियों को भी अमेरिका में नौकरी करने का अवसर मिलना चाहिए.
- भारत की विदेश नीति की सफलता ये है कि आज अमेरिका भी भारत के साथ है और रूस भी भारत के साथ है
- इजरायल हमारा मित्र जरूर है लेकिन फिलिस्तीन के मुद्दों को हम कभी कमजोर नहीं करेंगे, मैं पहले फिलिस्तीन गई फिर इजरायल गई. राष्ट्रपति पहले फिलिस्तीन गए फिर इजरायल गए. पीएम के इजरायल दौरे से दो महीने पहले फिलिस्तीन के राष्ट्रपति भारत आए.