नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में गुरुवार को विदेश नीति पर बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नेहरु ने व्यक्तिगत रूप से सम्मान दिलाया, प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व भर में देश को सम्मान दिलाया. जो देश सबसे पहले मदद को पहुंचे वह मित्र देश कहलाएगा. नेपाल त्रासदी के वक्त नेपाल की सबसे ज्यादा मदद भारत ने की.
सुषमा ने आगे कहा कि आज बांग्लादेश के साथ सबसे अच्छे संबंध किसी देश के हैं तो वह भारत है, अगर कोई यह कहे कि हमने पाकिस्तान के साथ दोस्ती की पहल नहीं की तो यह गलत है. बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद जब नवाज शरीफ ने उसे शहीद कहा तभी से भारत और पाकिस्तान के बीच चीजें बिगड़ी. हमने शांति का, दोस्ती का रोडमैप बनाया था लेकिन रोडमैप एकतरफा नहीं चल सकता.
चीन के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े विरोधी दल के नेता ने भारत सरकार से स्थिति के बारे में जानने के बजाय चीन के राजदूत को बुलाकर जानकारी मांगी. सुषमा ने कहा कि कांग्रेस नेता को पहले सरकार की स्थिती के बारे में जान लेना चाहिए था फिर चीनी राजदूत से बात करनी चाहिए थी.
हमने सोचा कि सभी राजनीतिक दलों को इससे अवगत कराना चाहिए. इसलिए सरकार ने अलग-अलग पार्टी से मिलने का कार्यक्रम रखा. हम धीरज भी बनाए हैं, भाषा संयम भी बनाए हुए हैं. हमने अपनी ओर से पहली की और सबको बताया कि चीन और भूटान के बीच क्या मुद्दा है और इस मामले में भारत का क्या स्टैंड है. रामगोपाल जी ने कहा युद्ध की तैयारी, मैं कहना चाहूंगी कि सेना तो तैयार रहती है. किसी भी समस्या का समाधान युद्ध से नहीं होता. जीते हारे लोग भी टेबल पर बैठते हैं और बात करते हैं. यही समझदारी है. जहां तक तैयारी का सवाल है सेना है, वह युद्ध के लिए ही होती है. समझदारी है कि बातचीत से मामला सुलझाया जाए.
सुषमा ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध नहीं होता. अब समय बदल गया है, अब देश अपनी आर्थिक क्षमता से जाने जाते हैं. आज अमेरिका और रूस दोनों भारत के साथ हैं. यही आज भारत की विदेश नीति की सफलता है. हमारे इजरायल के साथ रिश्तों को फिलिस्तीन सकारात्मक रूप में ले रहा है.
विदेश मंत्री ने राज्यसभा में आगे कहा कि आज अरब वर्ल्ड के साथ किसी के सबसे अच्छे रिश्ते हैं तो वह भारत के हैं. यमन से हमने 4500 भारतीय लोगों को निकाला और 2000 विदेशी नागरिकों भी निकाला. यह हमारी विदेश नीति की सफलता है. हम अपने मतभेदों को विवादों में न बदलने दें यह प्रधानमंत्री मोदी का बयान था.
बता दें कि राज्यसभा में विदेश नीति पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने पूछा कि मोदी के 65 विदेश दौरों का क्या नतीजा निकला. आनंद शर्मा ने कहा कि विदेश दौरों पर पीएम मोदी को कैमरे के फ्रेम की चिंता होती है. वो विदेशों के नेताओं से झप्पी डाल कर मिलते हैं लेकिन हासिल कुछ नहीं होता.
राज्यसभा में जेडीयू सांसद शरद यादव ने चीन के बहाने मोदी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि चीन अगर धमकाता है तो उस पर नहीं बल्कि खुद पर गुस्सा आता है. शरद यादव ने कहा कि हमारे देश को अच्छा विदेश मंत्री मिला है लेकिन उनका अच्छा इस्तेमाल नहीं हुआ. आप हरिया की तरह काम कर रही हैं लेकिन कक्का कोई और है.