नई दिल्ली : नोटा के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटा के इस्तेमाल पर तत्काल रोक लगाने से मना कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि गुजरात राज्यसभा चुनाव नोटा विकल्प के साथ ही होगा.
हालांकि राज्यसभा चुनाव में नोटा के इस्तेमाल के संवैधानिक प्रश्न पर कोर्ट ने विचार करने का निर्णय लेते हुए मामले की सुनवाई सितंबर तक के लिए टाल दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दिया है.
ईवीएम के नन ऑफ द अबव (नोटा) विकल्प को चुनौती देने वाली गुजरात कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज तीखे सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने गुजरात कांग्रेस से पूछा है कि उन्होंने इस विकल्प के इस्तेमाल पर पहले चुनौती क्यों नहीं दी ?
सर्वोच्च अदालत ने कांग्रेस से तीखे सवाल पूछते हुए कहा, ‘चुनाव आयोग ने जनवरी 2014 में नोटिफिकेशन जारी किया था और अब अगस्त 2017 चल रहा है. इस बीच राज्यसभा के चुनाव हुए लेकिन आपने कभी इसे चुनौती नहीं दी. आज आप नोटा को इसलिए चुनौती दे रहे हैं क्योंकि ये आपको सूट नहीं कर रहा है.’
कोर्ट ने गुजरात कांग्रेस से कहा, ‘चुनाव आयोग ने नोटा पर 14 जुलाई को चुनाव नोटिफिकेशन जारी किया था तब भी आपने चुनौती नहीं दी. अब चुनाव आ गए हैं तो चुनौती दे रहे हैं. आप राजनीतिक पार्टी हैं और कोई भी विधायक इसे चुनौती दे सकता था, लेकिन आप तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक आप प्रभावित ना हो रहे हों. ये भी ध्यान रखना चाहिए कि नोटा का 2014 का नोटिफिकेशन चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के लिए जारी किया था ना कि गुजरात के लिए.’
बता दें कि गुजरात कांग्रेस ने ईवीएम के नन ऑफ द अबव (नोटा) विकल्प के इस्तेमाल के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. गुजरात कांग्रेस ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि राज्यसभा चुनाव में नोटा का इस्तेमाल ना किया जाए.
कांग्रेस ने अपनी याचिका में मांग की है कि गुजरात चुनाव में नोटा के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए और इसे रद्द कर दिया जाए. इसके साथ ही कांग्रेस ने यह भी कहा है कि नोटा का प्रावधान असंवैधानिक है और यह जनप्रतिनिधि कानून का उल्लंघन भी करता है, इसलिए इसे रद्द कर दिया जाए.