नई दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द ही 1 से 8वीं तक के छात्रों को फेल नहीं करने की नो-डिटेंशन नीति को खत्म करने जा रही है. कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार नो डिटेंशन नीति को खत्म करने के लिए बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा संशोधन विधेयक लाएगी. इसमें पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल होने का प्रावधान फिर से जोड़ा जाएगा.
बाल निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार संशोधन विधेयक के बाद राज्यों को साल के अंत में होने वाली परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर छात्रों को पांचवीं और आठवीं में रोकने की मंजूरी मिल जाएगी. छात्रों को कक्षाओं में रोकने से पहले परीक्षा के द्वारा पास होने का दूसरा मौका दिया जाएगा.
अगर छात्र दूसरे प्रयास में भी फेल होते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक लिया जाएगा. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पहले कहा था कि 25 राज्य पहले ही इस कदम के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं.
विधेयक अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के तहत छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण हुए बिना भी आठवीं कक्षा तक बढ़ते जा सकते हैं. यह एक अप्रैल, 2011 को लागू हुए अधिनियम के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है.