नई दिल्ली. प्रसार भारती के डीडी किसान चैनल के नाम पर एक बड़ा गोरखधंधा सामने आया है. डिडी किसान में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को ठगा जा रहा है. गोरखधंधा करने वाले ठगों के गिरोह ने शायद किसान पत्रकार बनाने के नाम पर लूटने का नया तरीका इजात कर लिया है.
दरअसल, डी डी किसान चैनल के लेटर हेड पर ‘किसान पत्रकार’ के रूप में अच्छी सैलरी पर लोगों को नौकरी दी जा रही है. किसान पत्रकार बनाने के लिए डी डी किसान चैनल के लेटर हेड पर नियुक्ति पत्र भी दिेय जा रहे हैं.
हैरान करने वाली बात है कि किसान पत्रकार की सैलरी भी 32 हजार 500 रुपये अंकित है. अब सवाल उठता है कि क्या सच में डीडी किसान में इतने बड़े लेवल पर हायरिंग चल रही है. क्या डीडी किसान ने इन्हें हायर करने का ठेका दिया है या फिर कोई ठगों का गिरोह इसके नाप पर अपना गोरखधंधा चला रहा है?
हालांकि, अभी तक इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर इस गोरखधंधे के पीछे किसका हाथ है. ये कौन लोग हैं जो डीडी किसान के नाम पर लोगों की नियुक्ति कर रहे हैं. मगर फॉर्म में जिस तरह की बातें लिखी गई हैं, उससे साफ जाहिर होता है कि ठगी करने वाला गिरोह लोगों को नौकरी का झांसा देकर लूटने का काम कर रहा है.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस सरकारी नौकरी के बदले उम्मीदवारों से सिक्योरिटी मनी भी जमा करवाई जा रही है. नियुक्ति पत्र और नौकरी के एवज में उम्मीदवार से 13,850 रुपए जमा करवाए जा रहे हैं. फॉर्म में ये बात स्पष्ट लिखी गई है कि चयनित उम्मीदवार की जमा की गई सिक्योरिटी राशि 10 से 15 दिन के अंतराल पर वापिस कर दी जाएगी.
बता दें कि ये ठग के गिरोह भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के हेडर लगे पत्र में डीडी किसान न्यूज का लोगो लगाकर नियुक्ति पत्र भेज रहे हैं. ये लोग इतने शातिर तरीके से पूरा गोरखधंधा चला रहे हैं, उससे कोई भी बेरोजगार उनकी चुंगल में फंस सकता है.
इस पत्र में ये बात स्पष्ट रूप से लिखी गई है कि पूरे देश में 2492 किसान पत्रकारों की नियुक्ति होनी है. जिनमें से 232 पद आरक्षित हैं. सभी राज्यों में सिल-सिलेवार ढंग से रिक्तियां और नियुक्तियों की जानकारी दी गई है. अब देखना होगा कि डीडी किसान इस मामले पर कब संज्ञान लेती है और कब इस गोरखधंधे का पर्दाफाश होता है.