नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को राइट टू प्राइवेसी पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में राइट टू प्राइवेसी मौलिक अधिकार है या नहीं इस पर सुनवाई पूरी हो गई है. मगर सुप्रीम कोर्ट ने आज भी अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
सुप्रीम कोर्ट ने 9 जजों की संवैधानिक पीठ इस महत्वपूर्ण मामले पर सुनवाई कर रही है. इस मामले में अभी 8 दिनों तक सुनवाई चली है.
इससे पहले इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की संवैधानिक खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा था कि संवैधानिक पीठ सिर्फ ये तय करेगी कि निजता मौलिक अधिकार है या नहीं. संवैधानिक पीठ ने ये कहा था कि हम ये तय नहीं करेंगे कि आधार मौलिक अधिकारों का हनन करता है या नहीं.
बता दें कि राइट टू प्राइवेसी मामले में केंद्र सरकार की दलील है कि प्राइवेसी को पूरी तरह से मौलिक अधिकार नहीं माना जा सकता. सरकार ने ये भी कहा है कि कोर्ट को प्राइवेसी का वर्गीकरण करना चाहिए.
सरकार का ये भी कहना है कि राइट टू प्राइवेसी के कुछ हिस्सों को मौलिक अधिकारों के तरह संरक्षण दिया जा सकता है. जवाब में कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आपके हिसाब से किस हिस्से को मौलिक अधिकार माना जा सकता है?