15 अगस्त को JNU के प्रोग्राम में शामिल होंगे बस्तर के पूर्व IG एसआरपी कल्लूरी

बस्तर में माओवादियों पर सशस्त्र नियंत्रण करने के लिए फेमस पूर्व इंस्पेक्टर जनरल (IG) एसआरपी कल्लूरी इस बार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शिरकत करेंगे. बता दें कि कल्लूरी पर फर्जी मुठेभड़, मानवाधिकारों की वकालत करनेवाले ट्राइबल लीडर्स और ऐक्टिविस्ट्स को निशाना बनाने का भी आरोप है.

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15 अगस्त को JNU के प्रोग्राम में शामिल होंगे बस्तर के पूर्व IG एसआरपी कल्लूरी

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  • August 1, 2017 1:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली. बस्तर में माओवादियों पर सशस्त्र नियंत्रण करने के लिए फेमस पूर्व इंस्पेक्टर जनरल (IG) एसआरपी कल्लूरी इस बार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शिरकत करेंगे. बता दें कि कल्लूरी पर फर्जी मुठेभड़, मानवाधिकारों की वकालत करनेवाले ट्राइबल लीडर्स और ऐक्टिविस्ट्स को निशाना बनाने का भी आरोप है.
 
पिछले महीने कल्लूरी ने जवाहर लाल नेहरू कैंपस में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) में एक विवादित सेमिनार को संबोधित किया था, जिसका छात्रों के एक समूह ने विरोध किया था. 
 
 
अंग्रेजी वेबसाइट इकोनॉमिक्स टाइम्स के हवाले से जेएनयू के असिस्टेंट प्रोफेसर बुद्धा सिंह ने कहा कि ‘वह निश्चित रूप से आ रेह हैं.’  उन्होंने आगे कहा कि कल्लूरी ने छात्रों और फैकल्टी मेंबर्स की ओर से भेजे गये आमंत्रण को स्वीकार लिया है. हमलोग उन्हें सिक्योरिटी ऑफिसर्स के साथ कैंपस में एंट्री दिलवाने के प्रोसेस पर काम कर रहे हैं, ताकि उन्हें यहां आने में किसी तरह की परेशानी न हो.  
 
जेएनयू के स्टूडेंट वेलफेयर के डीन सिंह ने कहा कि 1994 बैच के आईपीएस ऑफिसर कल्लूरी को बस्तर में माओवादियों पर सशसत्र नियंत्रण करने के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने अपने कार्यकाल में स्थानीय आदिवासियों को हिंसा के खिलाफ बोलने के लिए सशक्त किया और इन्फ्रास्ट्रक्टर के विकास पर काम किया. उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों और माओवदा से संबंधित 800 से अधिक मामले को देखा है. यह गर्व की बात है. 
 
 
बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले दिनों राज्य में मानवाधिकार हनन के मामलों को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार की क्लास ली थी और एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार, बीजापुर जिले में कल्लूरी के कार्यकाल के दौरान 16 आदिवासी महिलाओं के साथ पुलिस के द्वारा बलात्कार किए जाने का खुलासा किया गया था.
 

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