मुंबई: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैकों को एकाउंट नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार करने की सलाह दी है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एसएस मूंदड़ा ने मुंबई में बैंकिंग लोकपाल कॉन्फ्रेंस में कहा कि बैंक अकाउंट नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए काम करें.
आज के दौर में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और ग्राहक सेवा में सुधार लाने के लिए अभी काफी कुछ किया जाना है. उन्होंने कहा कि बैंक हमारी अगली जेनरेशन को अधिक से अधिक सुविधा देने पर विचार करें क्योंकि आज की पीढ़ी तकनीक का ज्यादा ज्ञान रखने वाली है.
आज के समय में ग्राहक अगर सेवाओं से असंतुष्ट हैं तो वह आसानी से एक संस्थान से निकलकर दूसरे संस्थान की ओर रुख कर सकता हैं. इसलिए खातों की पोर्टबिलिटी की संभावना को आगे बढ़ाना है. इसके लिए बैकों को अभी से कार्य शुरू करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि बैंकों में ड्रॉप बॉक्स से चेक खोने के मामले बढ़ने और ऐसी शिकायतों के निस्तारण के लिए बैंकों में अभी भी कुछ कमी है. डिप्टी गवर्नर ने सुझाव दिया कि ऐसे केस में कस्टमर को तुरंत हर्जाने की भरपाई की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि बैंकों को एक कॉमन अकाउंट बनाने और इन्श्योरेंस से अमाउंट की रिकवरी का इंतजार किए बिना पूल से ग्राहक को कंपन्सेट की संभावना पर विचार किया जाना चाहिए.
उन्होंने बैंक से कहा कि बीमा से राशि की वसूली के लिए इंतजार किए बिना एक सामान्य खाता स्थापित करने और पूल से तुरंत ग्राहकों की क्षतिपूर्ति की संभावना पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्राहकों की शिकायतों का निपटारा करने के लिए बैंक अत्याधुनिक एनालिटिकल टूल्स के उपयोग कर सकते हैं.