आज प्रश्नकाल में सवाल इस बात का कि क्या हिन्दुस्तान सच में कांग्रेस मुक्त होने जा रहा है. मोदी शाह की जोड़ी क्या कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का अपना सपना पूरा करने जा रही है और अगर ऐसा होता है तो देश के लिए इसका क्या मतलब है?
नई दिल्ली: आज प्रश्नकाल में सवाल इस बात का कि क्या हिन्दुस्तान सच में कांग्रेस मुक्त होने जा रहा है. मोदी शाह की जोड़ी क्या कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का अपना सपना पूरा करने जा रही है और अगर ऐसा होता है तो देश के लिए इसका क्या मतलब है?
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए इसका क्या मतलब है. इन सवालों के जवाब के पहले एक बात औऱ जान लीजिए कि कुछ सवाल इस बात को लेकर भी उठ रहे हैं कि बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के लिए क्या साम-दाम-दंड-भेद की रणनीति पर उतर आई है.
चलिए, आप चुनाव जीत रहे हैं वो तो समझ आ रहा है लेकिन कहीं कांग्रेस छोड़ छोड़कर नेता बीजेपी में शामिल हुए जा रहे हैं तो कहीं गठबंधन टूट जा रहा है. सब इत्तेफाकन है क्या या इसके पीछे नरेन्द्र मोदी औऱ अमित शाह की जोड़ी की सोची समझी रणनीति है.
ऐसा लग रहा है मानों सियासत के समुद्र में बीजेपी नाम की बड़ी मछली हर छोटी मछली को निगलती जा रही है पर सवाल वही कि न दिखनेवाले जाल में हर मछली फंस कैसे रही है या तो फंस रही है या निगली जा रही है औऱ ऐसे में क्या मोदी के सामने कोई नहीं टिक पाएगा और क्या मोदी को हराना मुश्किल ही नामुमकिन हो गया है. इस सवाल को पूछने की वजह आज नीतीश कुमार ने भी दे दी.