पटना: आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के दोनों बेटे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव पर शिकंजा करने की तैयारी है. बिहार आर्थिक अपराध ईकाई दोनों की संपत्ति की जांच करेगी. सूत्रों से खबर है कि आर्थिक अपराध ईकाई ये जांच करेगी कि बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के पास इतनी संपत्ति कहां से आई.
सूत्रों से खबर है कि अगर तेजस्वी और तेजप्रताप आर्थिक अपराध ईकाई को ये बता नहीं पाए कि इतनी संपत्ति कहां से आई, तो इन दोनों की संपत्ति तक जब्त की जा सकती है. उधर, मिट्टी घोटाले में लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बिहार के निगरानी विभाग ने मिट्टी घोटाले से जुड़ी फाइलें जांच के लिए मंगवाई हैं.
नई सरकार गठन होने के बाद वन पर्यावरण मंत्रालय उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के पास है और उन्होंने तमाम फाइलों को अपने पास मंगवाया है. सुशील मोदी ने कहा कि विकास और भ्रष्टाचार से लड़ाई मेरी पहली प्राथमिकता है. इस सरकार का गठन ही केवल भ्रष्टाचार मिटाने के लिए हुआ है. चाहें बेनामी संपत्ति, अपराधी, भ्रष्टाचार हो या कालाधन का. यह सब हमारी प्राथमिकता है.
निगरानी विभाग ने वन एवं पर्यावरण विभाग से उन फाइलों की मांग की है, जो पटना के संजय गांधी जैविक उघान के लिए लाखों रुपए की मिट्टी खरीद से जुड़ी हुई है. तेजस्वी की कंपनी की बेली रोड़ स्थित उस जमीन से चिड़ियाघर के लिए मिट्टी खरीदी गई थी जहां बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा था. सीबीआई ने उस जमीन को भी बेनामी संपत्ति मामले में जोड़ा है.
बता दें कि मिट्टी घोटाले मामला सबसे पहले सुशील मोदी ने ही उठाया था. मोदी ने अप्रैल में लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लालू परिवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लाखों रुपए की मिट्टी खरीद मामले में सही तरीके से सरकारी प्रावधानों का पालन नहीं किया गया. वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे तेजप्रताप ने अपने परिवार की जमीन से ही सरकारी विभाग को मिट्टी खरीदने के लिए गैर कानूनी तरिक से तैयार किया.