नई दिल्ली: तो उस बाघ की तलाश जोर-शोर से जारी है. उसे पकड़ने के लिए शहर के आसपास चप्पे-चप्पे पर जाल बिछाए गए हैं. बावजूद इसके वो बाघ पकड़ में नहीं आ सका है. ऑपरेशन टाइगर की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाएंगे. लेकिन ठीक इसी तरह का खतरा यूपी के एक शहर पर हर पल मंडरा रहा है.
उस शहर के खौफ की एक-एक तस्वीर दिखाएंगे. मगर उससे पहले दहशत के उन पलों को याद करना जरूरी है. जिसे देखने भर से आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. साल 2004 की इन तस्वीरों को आप भूले नहीं होंगे. असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में गजराज पर सवार वनकर्मी पर दहाड़ मारते बाघ ने ऐसा हमला किया कि चीत्कार से पूरा जंगल कांप गया है.
जंगल की हदें लांघ कर इंसानी बसेरे में बाघ की घुसपैठ पर नकेल कसने की कवायद चल रही थी. वन विभाग के लोग काजीरंगा नेशनल पार्क से सटे गांव के खेत-खलिहान में घुस आए बाघ की तलाश में जुटे थे. तभी हरे-भरे खेत के अंदर से वो बाघ दहाड़ मारता आया और हाथी पर सवार वन विभाग के कर्मचारी पर हमला कर दिया.
इस हमले में वन विभाग का ये स्टाफ लहूलुहान हो गया. खून से सनी उसकी तस्वीरें नहीं दिखा सकते. लेकिन जरा सोचिए. उस पल इस शख्स पर क्या गुजरी होगी. जब बाघ ने अचानक हमला बोल दिया. वो तो गनीमत रही कि दूसरे हाथी पर सवार वन विभाग के लोगों ने फौरन हवा में गोलियां दागनी शुरू कर दीं. जिसके बाद बाघ जंगल की तरफ भाग गया है.
इन लोगों के निहत्थे होने की सूरत बाघ किस कदर तांडव मचाता. अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है. असम के काजीरंगा नेशनल पार्क के करीब जिस तरह से बाघ की तलाश की गई थी. ठीक उसी तरह से इन दिनों यूपी के पीलीभीत में भी उस बाघ की टोह ली जी रही है. जो शहर में दाखिल हो गया है.
देखिए, कैसे दो हाथियों पर सवार वन विभाग के लोग उस बाघ की तलाश में जुटे हैं. शहर से सटे जंगली इलाके के चप्पे-चप्पे को खंगाल रहे हैं. बाघ जंगल के दायरे को पार कर शहर की चौहद्दी में दाखिल हो चुका है. बाघ ने सबसे पहले पीलीभीत कोर्ट के करीब गाय पर हमला किया. जिसे देख कर चरवाहे ने शोर मचाया है तो बाघ भाग निकला है.