हर भारतीय को जानना जरूरी है कि आखिर डोकलाम को लेकर चीन में क्या-क्या कहा गया है?

आज प्रश्नकाल में डोकलाम में भारत चीन के बीच की तनातनी का मुद्दा बना हुआ है. बीते कुछ दिनों में डोकलाम विवाद पर इतना कुछ कहा और दिखाया गया है कि मुद्दा क्या है ये आप भी जानते हैं औऱ अच्छे से समझते हैं. लेकिन आज प्रश्नकाल में हम आपको समझाने औऱ बतानेवाले हैं कि डोकलाम विवाद में चीन कैसे दुनिया के सामने एक्सपोज़ हो गया है औऱ बुरी तरह से फंस गया है.

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हर भारतीय को जानना जरूरी है कि आखिर डोकलाम को लेकर चीन में क्या-क्या कहा गया है?

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  • July 28, 2017 6:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: आज प्रश्नकाल में डोकलाम में भारत चीन के बीच की तनातनी का मुद्दा बना हुआ है. बीते कुछ दिनों में डोकलाम विवाद पर इतना कुछ कहा और दिखाया गया है कि मुद्दा क्या है ये आप भी जानते हैं औऱ अच्छे से समझते हैं. लेकिन आज प्रश्नकाल में हम आपको समझाने औऱ बतानेवाले हैं कि डोकलाम विवाद में चीन कैसे दुनिया के सामने एक्सपोज़ हो गया है औऱ बुरी तरह से फंस गया है.

ऐसा कहने की वजह आपको आगे विस्तार से बताउंगा लेकिन ये जान लीजिए कि चीन अब कश्मीर मुद्दे को घसीटकर ला रहा है बार बार.. ये भी प्रेशर पॉलिटिक्स का हिस्सा ही है. सिर्फ इतना भर याद कीजिए कि कैसे चीन डोकलाम विवाद पर लगातार एग्रेसिव बयान देता रहा है औऱ वहां कि स्टेट कंट्रोल्ड मीडिया भी भड़काउ लेख छापती रही है.

ऐसे बयान और ऐसे लेख कि देख और सुनकर ये लगे कि कल युद्ध हो जाएगा. लेकिन ये चीन के दबाव बनाने की रणनीति का पुराना हिस्सा रहा है. और इसका असर ये रहा कि मोदी सरकार को भी सारे विपक्षी दलों को बिठाकर बताना पड़ा कि वाकई में बॉर्डर पर क्या हालात हैं. लेकिन आज प्रश्नकाल में आपको समझाएंगे कि जैसे चीन का सामान ज्यादा दिन नहीं चलता वैसे ही चीन का ये पैंतरा भी ज्यादा दिन नहीं चलेगा क्योंकि चीन बार बार पल्टी मार रहा है.

24 घंटे के अंदर ही चीन डोकलाम को लेकर अपने स्टैंड से पलट गया. डोकलाम को लेकर उसने नया क्या कहा है.”डोकलाम मसला चीन-भूटान बॉर्डर विवाद है. इसमें थर्ड पार्टी के तौर पर भारत को दखल देने का क्या हक है?

नई दिल्ली के तर्क के मुताबिक अगर उसे ये हक है तो ये बहुत खतरनाक होगा क्योंकि अगर कश्मीर मसले पर पाकिस्तान ने अपील की तो चीन की आर्मी वहां विवादित एरिया में घुस सकती है, जिसमें भारत के अधिकार वाला कश्मीर भी शामिल है.” ये बातें चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स में कही गई है. और ये बातें बेहद खतरनाक है.

सबसे हैरानी की बात ये है कि ये उस चीन का बयान है जो दुनिया में अमेरिका को पीछे छोड़ नंबर वन बनने के सपने देख रहा है. ये उसी ड्रैगन की बौखलाहट है. आपको ये बयान देखकर इसके धमकी वाले हिस्से पर ज्यादा अचरज नहीं होगा. क्योंकि पिछले कई सप्ताह से चीन ऐसी धमकी देता रहा है.\

जब भारत पर उनकी धमकियों का कोई असर नहीं हुआ तो चीन का रुख नरम पड़ा. अब हालात ये है कि चीन भारी कन्फ्यूजन में है उसकी मीडिया का एक बड़ा हिस्सा भारत के साथ बातचीत और आम राय पर जोर दे रहा. जबकि दूसरा हिस्सा जहरजुबानी कर रहा.  जरा ये देखिए कि पिछले कुछ दिनों में डोकलाम को लेकर चीन में क्या-क्या कहा गया है ?

चीन के विदेश मंत्री के इस बयान का ये मतलब निकाला गया कि चीन का स्टैंड अब डोकलाम मामले को सुलझाने वाला है न कि उन्माद और धमकी वाला। अब एक और बयान देखिए…ये चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ का है 

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