नीतीश की सर चकरा देने वाली राजनीति: उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट को वोट देंगे !

बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से गठबंधन के बाद भी नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को सपोर्ट करेगी. नीतीश ने महागठबंधन से रिश्ता तोड़ लिया है लेकिन महागठबंधन में रहते लिए अपने फैसले पर वह अब भी कायम हैं.

Advertisement
नीतीश की सर चकरा देने वाली राजनीति: उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट को वोट देंगे !

Admin

  • July 28, 2017 3:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
पटना: बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से गठबंधन के बाद भी नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को सपोर्ट करेगी. नीतीश ने महागठबंधन से रिश्ता तोड़ लिया है लेकिन महागठबंधन में रहते लिए अपने फैसले पर वह अब भी कायम हैं.
 
 
सूत्रों के मुताबिक गांधी को समर्थन देने के फैसले में नीतीश कुमार कोई बदलाव नहीं करेंगे. नीतीश ने कहा कि दोनों मामलों को साथ नहीं देखा जाना चाहिए. जेडीयू के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि नीतीश जी ने हमेशा कहा है कि पार्टी की बिहार की राजनीति और राष्ट्रीय राजनीति में अलग भूमिका है. बिहार के विकास के लिए ही बीजेपी से राज्य में गठबंधन किया गया है.
 
 
जेडीयू ने कहा है कि पार्टी ने  गोपालकृष्ण गांधी को उनकी योग्यता और पहचान के लिए सपोर्ट किया है, इसलिए इस फैसले में बदलाव लाने की कोई वजह नहीं है. जब नीतीश ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को सपोर्ट किया था, तब उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी को कहा था कि महागठबंधन केवल राज्य के लिए किया गया था, राष्ट्रीय राजनीति से इसका कोई सरोकार नहीं है.
 
 
बता दें कि मोदी सरकार में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू एनडीए की ओर से उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार हैं. वेंकैया नायडू चार बार राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं. वहीं विपक्ष 71 वर्षीय गोपालकृष्ण गांधी उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं. बंगाल के 22 वें गवर्नर भी रह चुके हैं. 2004 से 2009 तक इस पद पर कार्यरत रहे. वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं.

Tags

Advertisement