बीजेपी से गठबंधन कर सत्ता तो बच गई, मगर इन चार मोर्चों पर नीतीश को हुआ जबर्रदस्त नुकसान

नई दिल्ली: बीजेपी के समर्थन से नीतीश कुमार ने बहुमत साबित कर भले ही बिहार में अपनी सत्ता बचा ली हो लेकिन बीजेपी से समर्थन की उन्हें  बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. नीतीश को 2019 में विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा माना जा रहा था जो पीएम मोदी के मुकाबले खड़ा हो सकता था.
टूट गया पीएम बनने का सपना
बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने गैर बीजेपी दलों को एक छतरी के नीचे लाने की कोशिश की. उन्होंने महागठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. माना जा रहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के सामने विपक्ष की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार होंगे, लेकिन बीजेपी से हाथ मिलाकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप के आगे घुटने टेक दिए जो आगे भी बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.
संघ मुक्त भारत का सपना
बीजेपी के साथ लड़ाई के दौरान जब बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया तो जवाब में नीतीश ने संघ मुक्त भारत का नारा दिया. ऐसे में अब जब नीतीश कुमार बीजेपी का और बीजेपी नीतीश कुमारा का दामन थाम चुकी है तो नीतीश का संघ मुक्त नारा भी हवा हो चला है.
साख को लगी चोट
साल 2013 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ 17 साल पुराना गठबंधन ये कहते हुए तोड़ लिया था कि सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं कर सकते. इसके बाद नीतीश ने कांग्रेस और आरजेडी से हाथ मिलाया और अब नीतीश ने ये कहकर गठबंधन से हाथ खींच लिया कि करप्शन के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं कर सकते. नीतीश का ये कदम उनके आगे के राजनीतिक जीवन के लिए ठीक नहीं है क्योंकि पार्टियां उन्हें ऐसे नेता के रूप में मानेगी जो कभी भी दगा दे सकते हैं.
नीतीश खो चुके हैं बड़े भाई का रूतबा
बीजेपी के साथ पहले गठबंधन में नीतीश कुमार को बड़े भाई वाला स्टेटस मिला हुआ था. साल 2010 के चुनाव में जेडीयू को 243 में से 141 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी ने 102 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. वहीं 2015 में बीजेपी ने 157 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जबकि नीतीश ने 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए.
ऐसे में मुमकिन है कि बीजेपी से इस बार गठबंधन करने के बाद नीतीश का रूतबा वैसा ना रहे जैसा पहले था. हो सकता है कि बीजेपी उन्हें बिहार में अपने नेता के तौर पर स्वीकार कर ले लेकिन 2019 के चुनाव के दौरान समझौते की थोड़ी उम्मीद बाकी है. फिलहाल एनडीए के पास बिहार से 31 सांसद हैं जिनमें बीजेपी के 22 और सहयोगी पार्टी के 9 सांसद हैं.
admin

Recent Posts

अपने ही लोगों की दुश्मन बनी म्यांमार सेना, किए हवाई हमले, 40 की मौत, कई घायल

पश्चिमी म्यांमार के एक गांव पर हुए हवाई हमले में कम से कम 40 लोग…

20 minutes ago

छत्तीसगढ़ के मुंगेली में बड़ा हादसा, प्लांट की चिमनी गिरने से 5 मजदूरों की मौत, कई घायल

छत्तीसगढ़ में एक प्लांट की चिमनी गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई है।…

27 minutes ago

रोजगार मांगो के तो लाठियां पड़ेगी, 80 लाख की डकैती का खुला राज, चंद्रशेखर आजाद ने किया पर्दाफाश

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना सांसद चन्द्रशेखर आजाद एक मामले में गुरुवार…

30 minutes ago

महाकुंभ में थूक जिहाद करेंगे कट्टरपंथी! iTV में सामने आई अंदर की बात, आग-बबूला हुए योगी

जहां एक ओर विपक्ष का कहना है कि महाकुंभ में मुस्लिम दुकानदारों को जगह मिलनी…

36 minutes ago

जनवरी में आयोजन होगा भारतीय फिल्म महोत्सव जर्मनी, इन फिल्मों की होगी स्क्रीनिंग

फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन बोमन ईरानी की "द मेहता बॉयज" से होगा। स्क्रीनिंग के बाद…

50 minutes ago

इस शर्त पर खेलेंगे बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी, न्यूजीलैंड में विशेषज्ञ से भारतीय गेंदबाज ने ली सलाह

Jasprit Bumrah: भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के दौरान चोटिल हुए थे.…

58 minutes ago