पटना : बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए नीत सरकार बनने के बाद लालू परिवार की मुश्किलों में और भी इजाफा हो सकता है. राजनीतिक जानकारों के अनुसार सीबीआई और ईडी के छापों से परेशान लालू परिवार की मुश्किलें अब राज्य की जांच एजेंसियां भी बढा सकती हैं.
लालू यादव परिवार पहले से ही मुश्किलों से घिरा हुआ है. तेजस्वी यादव के अलावा मीसा भारती और उनके पति के कई फार्म हाउस ईडी जब्त कर चुका है. लेकिन जल्द ही तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव की परेशानियों में भी इजाफा हो सकता है. जानकारों के अनुसार महागठबंधन की सरकार गिरने और एनडीए की सरकार बनने के बाद आरजेडी और कांग्रेस बिहार की सत्ता से बाहर हो गई है. जिसके कारण आरजेडी को मिला राजनीतिक संरक्षण भी खत्म हो गया है.
बता दें कि लालू यादव गाहे-बगाहे बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं. अब जबकि बीजेपी राज्य सरकार में शामिल हो गई है तो संभव है कि बीजेपी भी निम्न मामलों में वहीं काम करे जो लालू उनके खिलाफ करते रहे हैं.
तेजस्वी के मॉल मामले में राज्य एजेंसियों की जांच संभव
बता दें कि पटना के दानापुर में निर्मित हो रहे तेजस्वी यादव के बहुचर्चित मॉल के निर्माण कार्य पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने रोक लगा दी थी. मॉल की जमीन से बिना अनुमति के मिट्टी खुदाई करने और बिना इजाजत के निर्माण कराने की वजह से यह रोक लगाई गई थी. अब संभव है कि स्थानीय जांच एजेंसियां भी इस जांच में शामिल हो जाएं और तेजस्वी के इस प्रोजेक्ट पर ही ग्रहण लगा दें.
तेज प्रताप यादव का बीपीसीएल पेट्रोल पंप
हालांकि बीपीसीएल पहले ही बिहार के पूर्व स्वास्थ्यमंत्री तेजप्रताप यादव का पेट्रोल पंप कैंसिल कर चुका है. बीपीसीएल ने यह कार्रवाई पेट्रोल पंप के लिए ‘अवैध’ तरीके से जमीन लिए जाने के आरोप के तहत की थी. अब संभव है कि इसकी भी गहन जांच हो और तेज प्रताप की परेशानियां भी बढ़ जाएं.
तेजस्वी और तेजप्रताप के विभागीय कामों का पोस्टमार्टम
ये भी संभव है कि अब बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के मंत्री के तौर किए गए कामों का भी पोस्टमार्टम किया जाए, और अगर कोई अनियमित्ता मिलती है तो इन दोनों की परेशानियां पहले से और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं.