अयोध्या: मुख्यमंत्री बनने के बाद दूसरी बार अयोध्या पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने संतों ने राम मंदिर निर्माण को लेकर एक डेडलाइन तय कर दी. अयोध्या आंदोलन से जुड़े एक संत ने कहा कि वो सीएम योगी को राम मंदिर के उद्घाटनकर्ता के तौर पर देखना चाहते हैं. यानी उनके कार्यकाल में राम मंदिर का निर्माण हो.
उन्होंने सीएम योगी को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के वादों की याद दिलाई. दरअसल, सीएम योगी राम मंदिर आंदोलन के पुरोधा, महंत रामचंद्र दास परमहंस की चौदहवीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. मंच पर बैठे सभी संत राम मंदिर आंदोलन से जुड़े थे.
इस माहौल में सीएम योगी पर संतों का दबाव तो था ही लेकिन योगी खुद भी पूरी तरह राममय दिखे. राम, रामलीला और राम मंदिर पर दिए योगी के बयान बहुत कुछ साफ कर देते हैं. योगी ने साफ किया कि वो बार-बार अयोध्या आते रहेंगे.
यूपी का सीएम बनने के बाद दूसरी बार अयोध्या पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं सबसे पहले एक रामभक्त हूं. उन्होंने कहा कि सकारात्मक राजनीति से राम मंदिर का हल निकलेगा. योगी ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा बातचीत से सुलझना चाहिए और दोनों ही पक्ष सुप्रीम कोर्ट की सलाह मानें. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष पहल करें तो सरकार भी सहयोग करेगी.
कयास लगाए जा रहे हैं कि योगी अयोध्या से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. दरअसल, 19 सितंबर को मुख्यमंत्री बने योगी को छह महीने पूरे हो जाएंगे और उन्हें विधानसभा या विधान परिषद में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी है. योगी के लिए कई विधायक अपनी सीट खाली करने के लिए तैयार हैं.
गोरखपुर उनके लिए सुरक्षित सीट हो सकती है लेकिन अयोध्या से उनका चुनाव लड़ना एक मैसेज दे सकता है. वैसा ही मैसेज जैसा पीएम मोदी के वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने से मिला था. हालांकि इस पर फैसला 29 जुलाई के बाद होगा जब अमित शाह तीन दिनों के लखनऊ दौरे पर आएंगे. इसके बाद ही तय होगा कि योगी सांसद पद से इस्तीफा कब देंगे और किस सीट से चुनाव लड़ेंगे.