पटना: बिहार में सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव लगातार उनपर हमलावर हो रहे हैं. बीती शाम से ही तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव नीतीश कुमार से जुड़े एक मर्डर केस का जिक्र कर रहे हैं.
ये बात सच है कि नीतीश कुमार एक मर्डर केस के आरोपी हैं लेकिन पटना हाईकोर्ट ने इस केस में उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही को रोक रखा है. 26 साल पुराना यह केस 1991 के बाढ़ संसदीय चुनाव से जुड़ा है. बाढ़ इलाके में सीताराम सिंह नाम के कांग्रेसी कार्यकर्ता की हत्या वोट डालने के दौरान हो गई थी.
सीतारा सिंह मर्डर केस में नीतीश कुमार के अलावा दूसरे लोग भी आरोपी हैं. 1991 में नीतीश बाढ़ लोकसभा सीट से जनता दल के टिकट पर लड़े थे और चुनाव जीते थे. उस समय भी नीतीश और लालू यादव साथ थे.
केस के मुताबिक कांग्रेस कार्यकर्ता सीताराम सिंह को 1991 में चुनाव के दौरान बूथ पर वोट डालने से रोका गया था और इसी दौरान झगड़ा होने पर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने जांच में नीतीश के खिलाफ साक्ष्य नहीं पाया था जिसके खिलाफ सीताराम सिंह के परिवार से अशोक सिंह ने कोर्ट में अपील की थी.
अशोक सिंह की अपील पर बाढ़ के कोर्ट से नीतीश कुमार को 9 सितंबर, 2009 को कोर्ट में पेश होने का आदेश निकला था. नीतीश कुमार इस केस को खारिज करवाने हाईकोर्ट चले गए जिसने 8 सितंबर, 2009 को बाढ़ कोर्ट से केस के सारे दस्तावेज मांग लिए और बाढ़ कोर्ट में केस की सुनवाई पर रोक लगा दी.
पटना हाईकोर्ट ने मई, 2010 में भी बाढ़ कोर्ट में इस केस की सुनवाई पर रोक जारी रखते हुए कहा था कि जब तक नीतीश कुमार की अपने खिलाफ केस खारिज करने की याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला नहीं हो जाता, तब तक सुनवाई नहीं होगी.
नीतीश कुमार ने पटना हाईकोर्ट से अपने खिलाफ बाढ़ कोर्ट में चल रहे मर्डर केस को खारिज करने की अपील की है जो फिलहाल सुनवाई की प्रक्रिया में है. जब तक नीतीश की अपील पर फैसला नहीं हो जाता तब तक बाढ़ कोर्ट में मर्डर केस की सुनवाई रुकी रहेगी.