नई दिल्ली: बॉलीवुड के निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर अपनी फिल्मों के जरिए समाज का काला सच बेनकाब करने के लिए मशहूर हैं, लेकिन इस बार उन्होंने इमरजेंसी के दौर की राजनीति पर फिल्म बनाई है और दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक कांग्रेस के नेता बवाल मचाए हुए हैं.
सेंसर बोर्ड से पास होने के बाद भी इस फिल्म का विरोध सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक हो रहा है. आखिर मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार पर कांग्रेस में हाहाकार क्यों है ? सिर्फ ट्रेलर देखकर फिल्म का विरोध क्यों किया जा रहा है, आज इसी मुद्दे पर होगी महाबहस.
कांग्रेस की सबसे दुखती रग है इमरजेंसी और इमरजेंसी के दौर में देश के हालात. इमरजेंसी में लोगों पर ज़ुल्म हुआ, इसके लिए इंदिरा गांधी ने भी देश से माफी मांग ली थी. लोगों ने इमरजेंसी को देश की राजनीति का काला अध्याय मानकर भुला भी दिया और इंदिरा गांधी को दोबारा सत्ता सौंप दी. फिर भी 42 साल पुरानी इमरजेंसी का ज़िक्र भर हो तो कांग्रेस के नेता आसमान सिर पर उठाने लगते हैं.
फिलहाल कांग्रेस नेताओं के बीच मधुर भंडारकर की नई फिल्म इंदु सरकार ने हाहाकार मचा रखा है. इमरजेंसी के सच्चे दौर में काल्पनिक कहानी पर आधारित इंदु सरकार का ट्रेलर 16 जून को जारी हुआ. फिल्म में इमरजेंसी का ज़िक्र है, तो जाहिर है कि संजय गांधी, इंदिरा गांधी और इमरजेंसी के दौर में उनके खास सिपहसालारों का ज़िक्र तो होगा ही.
ट्रेलर में इसकी झलक मिलते ही कांग्रेस ने इंदु सरकार का विरोध शुरू कर दिया. पुणे और नागपुर में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इतना बवाल मचाया कि मधुर भंडारकर और इंदु सरकार के कलाकारों को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस तक रद्द करनी पड़ी. दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक कांग्रेस नेताओं ने फिल्म के खिलाफ आंदोलन, धमकी, चेतावनी जारी करनी शुरू कर दी.
कांग्रेस के विरोध के बीच ही प्रिया सिंह पॉल नाम की एक महिला ने इंदु सरकार के खिलाफ कानूनी जंग भी छेड़ दी. खुद को संजय गांधी की जैविक पुत्री बताने वाली प्रिया सिंह पॉल ने मुंबई हाईकोर्ट में केस कर दिया कि चूंकि संजय गांधी उनके पिता और इंदिरा गांधी उनकी दादी हैं और इंदु सरकार में दोनों का जिक्र है, इसलिए फिल्म को रिलीज करने से पहले उनसे हरी झंडी लेनी चाहिए.
प्रिया सिंह पॉल की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी और सेंसर बोर्ड ने भी कुछ सीन काटकर फिल्म को पास कर दिया. फिल्म इंदु सरकार दो दिन बाद यानी 28 जुलाई को रिलीज होने जा रही है और अब प्रिया सिंह पॉल इसकी रिलीज रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं.
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