नई दिल्ली: सीएजी यानि कम्पट्रोलर एंड ऑडिट जनरल ने हाल ही में रेलवे के खाने को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी. जिसके बाद अब कैटरिंग को लेकर भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला किया है. जिसके बाद अब ट्रेनों में कैटरिंग ऑप्शनल होगी.
अब यात्री चाहे तो यात्रा के दौरान खाना लें या न लें लेकिन अब खाना न लेने के हालात में टिकट बुकिंग के दौरान यात्री के पैसे कम लगेंगे. इससे पहले राजधानी शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों में टिकट में खाने का पैसा लिया जाता है. जो की खाना बुक न करने के हालात में पैसे कम लिए जाएंगे. पहले चरण में 12 राजधानी 6 शताब्दी और 5 दुरंतो में ये सेवा शुरू की जा रही है. इसके बाद सभी ट्रेनों में शुरू कर दी जाएगी. जो 1 से 2 दिन में शुरू हो जाएगी.
इसके अलावा फूड जॉइंट का थर्ड पार्टी एडिट भी किया जाएगा. जिसमे जुलाई से करीब 88 ट्रेन पेंट्री की और 100 फूड प्लाजा फूड शर्ट और बॉक्सील जैसी कंपनियां ऑडिट करेंगी. आगे पूरी भारतीय रेल में सभी फूड प्लाजा, फूड कोर्ट, ट्रैन आईआरसीटीसी को चली जायेगी.
दोयम दर्जे का खाना
30 दिसंबर तक सभी का टेक ओवर कर दिया जाएगा. पहले चरण में दिल्ली मुम्बई रुट में 90 के करीब ट्रेन और 40 यूनिट साथ ही 7 बेस किचन आईआरसीटीसी को जुलाई 2017 तक हैंड ओवर हो जाएगा. बता दें कि सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि भारतीय रेल में जिस क्वालिटी का खाना कई बार परोसा जाता है वो बेहद दोयम दर्जे का होता है, गंदा होता है और नुकसानदेह होता है.
दूषित चीजें
संसद में पेश रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रेनों और स्टेशनों पर परोसी जा रही खाने की चीजें दूषित होती हैं. चाय, कॉफी और सूप बनाने के लिए सीधे नल से गंदे पानी का इस्तेमाल होता है. खाना बनाने के लिए भी साफ पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता. ट्रेनों की पैंट्री कार में खाने की चीजें ढंककर नहीं रखी जाती, जिससे उसमें मक्खी, कीड़े और धूल लगते रहते हैं.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि डिब्बाबंद और बोतलबंद चीजें को एक्सपायरी डेट के बाद भी ट्रेनों में बेचा जाता है. ट्रेनों में खाने पीने की चीजों की क्वालिटी चेक के लिए सीएजी और रेलवे की ज्वाइंट टीम ने जांच की है. जिसके बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया. इस टीम ने देश भर के 74 रेलवे स्टेशनों और 80 ट्रेनों का मुआयना किया.
जानकारी के मुताबिक भारतीय रेलवे दुनिया की चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. भारतीय रेलवे के पास 11 हजार से अधिक इंजन और 70 हजार से अधिक पैसेंजर हैं. साल 2015-16 के आंकडे के मुताबिक 13313 यात्री हर रोज लगभग सात हजार स्टेशनों के बीच पटरी पर दौड़ती है. जिसमें लगभग दो करोड़ बीस लाख यात्री सफर करते हैं.