कारगिल विजय दिवस: कारगिल युद्ध से जुड़ीं इन 10 बातों को जानना बहुत जरूरी है

नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध सिर्फ सेना के स्तर पर नहीं लड़ा गया था, बल्कि राजनीतिक और कुटनीतिक स्तर पर भी लड़ा गया था. इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को रौंदकर कारगिल में तिरंगा फहराया था. हालांकि, इस युद्ध को जीताने के लिए कई जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ी. भारत के वीर सपूतों ने अपनी जान की बाजी लगाकर इस देश का मान बढ़ाया था.
बुधवार को कारगिल विजय दिवस की 18वीं बरसी है. आज जरूरी है कि कारगिल युद्ध के बारे में जाना जाए. तो आइए जानते हैं कारगिल युद्ध से संबंधित 10 बड़ी बातें.
1. आज से 18 साल पहले 1999 में भारत और पाकिस्ताने के बीच कारगिल युद्ध लड़ा गया था.
2. 1971 में भारत-पाक युद्ध के बाद कारगिल का युद्ध पहला युद्ध था.
3. कारगिल युद्ध के समय देश में एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेई उस वक्त प्रधानमंत्री थे.
4. भारतीय की तरफ से एलओसी पर पाक सेना और आतंकियों को खदेड़ने के लिए कारगिल सेक्टर में भारत ने ऑपरेशन विजय अभियान चलाया था.
5. शिमला समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले दो राष्ट्रों के बावजूद यह युद्ध हुआ. इस समझौते में कहा गया था कि दोनों देशों के बीच सीमा पर किसी तरह का सशस्त्र संघर्ष नहीं होगा. मई से जुलाई 1999 तक दोनों देशों की सेनाएं लड़ती रहीं.
6. भारतीय वायुसेना के अभियान सेफेद सागर ने कारगिल युद्ध में बड़ी भूमिका निभाई थी. ऐसा पहली बार था जब 32 हजार फीट की ऊंचाई से एयर पावर का इस्तेमाल किया गया था. कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के मिग-21 और मिराज 2000 को बड़े पैमाने पर ऑपरेशन सफेद सागर में इस्तेमाल किया गया.
7.  इस कारगिल युद्ध की जीत की घोषणा तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजेपयी ने 14 जुलाई को ही कर दी थी, मगर आधिकारिक तौर पर 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस की घोषणा की गई थी.
8. इस युद्ध में भारत ने करीब 500 जवानों को खोया था, वहीं पाकिस्तान ने दावा किया था कि इस युद्ध में उसके तीन हजार जवान मर गये थे.
9. ऊंचाई वाले क्षेत्र में लड़े गये सभी युद्धों में कारगिल का युद्ध हालिया उदाहरण है. कारगिल युद्ध पर्वतीय क्षेत्र पर लड़े गये. इस तरह के युद्धों को सबसे खतरनाक युद्ध माना जाता है.
10. यह युद्ध कुछ उन घटनाओं में से एक था, जब दो परमाणु संपन्न देशों के बीच युद्ध लड़ा गया था. यह दो देशों के बीच होने वाला ये पहला युद्ध था, जब इसका प्रसारण मीडिया में इतने वृहत्त पैमाने पर किया गया था.
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