नई दिल्ली: मालेगांव ब्लास्ट के आरोपों का सामना कर रहे श्रीकांत पुरोहित की जमानत याचिका के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा. एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पुरोहित का मामला साध्वी प्रज्ञा के मामले से अलग है. एजेंसी को जो सबूत मिले हैं वो पुरोहित के खिलाफ हैं.
अन्य आरोपियों के साथ उनकी संलिप्तता के आधार पर आरोप ठहराए जा सकते हैं. एजेंसी ने कहा कि सांध्वी प्रज्ञा जैसी प्राथमिकता नहीं पुरोहित को नहीं दिए जा सकते हैं, जिनको की अप्रैल में ही जमानत मिली है.
बता दें कि 2008 मालेगांव ब्लास्ट के आरोप में फंसे कर्नल श्रीकांत पुरोहित ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपों में साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी थी और पुरोहित की याचिका को ठुकरा दी थी.
ये था मामला
29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 100 लोग घाटल हो गए थे. साध्वी प्रज्ञा पर भोपाल, फरीदाबाद की बैठक में धमाके की साजिश रचने के आरोप लगे थे. साध्वी और पुरोहित को 2008 में गिरफ्तार किया गया था.