JNU में आतंकी अफजल गुरु पर कार्यक्रम सही तो देशभक्ति के प्रतीकों से परेशानी क्यों ?

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार को करगिल विजय दिवस मनाया गया. तिरंगा रैली निकाली गई. जेएनयू कैंपस में अपनी तरह का ये पहला कार्यक्रम था, वरना अब तक जेएनयू कैंपस में महिषासुर का महिमामंडन और आतंकियों के समर्थन में ही कार्यक्रम होते थे. पिछले साल जेएनयू के विवादित कार्यक्रम पर भारी बवाल भी हुआ था.
इस बार जेएनयू के वाइस चांसलर ने माहौल बदलने की अगुवाई की. उन्होंने कैंपस में एक पुराना टैंक लगाने की पहल भी की है, ताकि छात्रों को शहीदों का बलिदान याद आता रहे. इस पर भी राजनीति शुरू हो गई है. आखिर जेएनयू में विवादित कार्यक्रमों को भी अभिव्यक्ति की आजादी बताने वालों को विजय दिवस और तिरंगा रैली से दिक्कत क्यों है ? आतंकी अफजल गुरु पर कार्यक्रम सही है, तो देशभक्ति के प्रतीकों से परेशानी क्यों है, आज इन्हीं सवालों पर होगी महाबहस.
जेएनयू कैंपस में पिछले साल फरवरी में हुआ बवाल और उस पर सड़क से संसद तक राजनीति आप भूले नहीं होंगे. अफजल गुरु और मकबूल बट जैसे आतंकवादियों की फांसी को न्यायिक हत्या बताने वाला कार्यक्रम जेएनयू कैंपस में हुआ था. कैंपस में मुंह ढके लोगों ने देश विरोधी नारे लगाए थे, जिनका समर्थन लेफ्ट विंग के छात्र संगठनों ने अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किया था. इस साल जेएनयू में देश विरोधी कार्यक्रम करने वाले ठंडे पड़े और कैंपस में बुलंद हुआ राष्ट्रवादी सोच का झंडा.
जेएनयू के वाइस चांसलर की अगुवाई में रविवार को कैंपस में करगिल विजय दिवस मनाया गया. इस दौरान करीब साढ़े तीन सौ लोगों ने जेएनयू कैंपस में तिरंगा यात्रा भी निकाली. विजय दिवस मनाने के लिए करगिल शहीदों के परिजन कैंपस में पहुंचे, केंद्रीय मंत्री पूर्व जनरल वीके सिंह और धर्मेंद्र प्रधान भी जेएनयू कैंपस में विजय दिवस का हिस्सा बने.
सेना के पूर्व अधिकारी, क्रिकेटर गौतम गंभीर और कई जानी-मानी हस्तियों ने भी तिरंगा रैली में हिस्सा लिया. जेएनयू कैंपस में देशभक्ति का माहौल लगातार बना रहे और छात्रों को शहीदों का बलिदान याद रहे, इसके लिए वाइस चांसलर प्रोफेसर जगदीश कुमार ने कहा कि वो कैंपस में एक पुराना टैंक लगाना चाहते हैं.
जेएनयू कैंपस में पहली बार करगिल विजय दिवस मनाया गया और तिरंगा यात्रा निकाली गई. इसे पिछले साल के देशविरोधी नारेबाजी और आतंकियों का समर्थन करने वालों को जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. इस कार्यक्रम का विरोध तो किसी ने नहीं किया, लेकिन कैंपस में पुराना टैंक लगाने की पहल पर राजनीति शुरू हो गई है.
(वीडियो में देखें पूरा शो)
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