नई दिल्ली: लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन पर कांग्रेस के 6 सांसदों को संसद में उनके अनुचित व्यवहार के लिए उनपर अगले पांच बैठकों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
जानकारी के मुताबिक शून्यकाल में संसद की कार्यवाही शुरू हो होते ही कांग्रेस सांसदों ने भीड़ की हिंसा के मुद्दे पर जमकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया. उन्होंने प्रश्नकाल स्थगित करने की मांग की, वहीं सुमित्रा महाजन उन्हें शांत करने की लगातार अपील करती रहीं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेसी सांसद जमकर हंगामा कर रहे थे. इस बीच कुछ सांसदों ने सुमित्रा महाजन की तरफ कागज फेंके जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा स्पीकर के मुताबिक ‘ सांसद गौरव गोगोई और के सुरेश समेत कई सदस्यों ने कागज फेंके और कामकाज में रूकावट डालने की कोशिश की’
सुमित्रा महाजन ने जिन सांसदों को निलंबित किया है उनके नाम हैं. अधीर रंजन चौधरी, रंजीत रंजन, एम के राधवन, सुष्मिता देव, गौरव गोगोई और के सुरेश
क्या था मामला ?
बोफोर्स तोप घोटाला आजादी मिलने के बाद हुआ भारत का सबसे बड़ा मल्टीनेशनल स्कैम माना जाता है. दरअसल, 1986 में हथियार बनाने वाली स्वीडन की कंपनी बोफोर्स ने भारतीय सेना को 155mm की 400 तोप सप्लाई करने का सौदा किया था. 1987 में ये बात सामने आई थी कि इस डील को हासिल करने के लिए भारत में 64 करोड़ रुपए की दलाली दी गई थी. उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे.
इसी घोटाले के चलते 1989 में राजीव गांधी की सरकार गिर गई थी. आरोप था कि राजीव गांधी परिवार के नजदीकी बताए जाने वाले इटली के कारोबारी ओत्तावियो क्वात्रोची ने डील में बिचौलिए की भूमिका अदा की थी. 1990 में सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की. 2004 में दिल्ली हाईकोर्ट ने सबूत ना होने के चलते राजीव गांधी को बोफोर्स मामले में क्लीन चिट दे दी. करीब डेढ़ दशक में बोफोर्स केस की जांच में 250 करोड़ रुपए खर्च हुए.