नई दिेल्ली : देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आज अंतिम बार शाम 7.30 बजे राष्ट्र को संबोधित करेंगे. यह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का विदाई भाषण होगा. इससे पहले संसद में अपने अंतिम भावुक विदाई भाषण में ‘प्रणब दा’ ने केंद्र सरकार को अध्यादेश लाने से बचने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि केवल बेहद जरूरी परिस्थितियों में ही अध्यादेश लाया जाना चाहिए.
रविवार को संसद भवन के केंद्रीय सभागार में आयोजित विदाई समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि अध्यादेश का इस्तेमाल सिर्फ कुछ परिस्थितियों में ही करना चाहिए. साथ ही वित्त मामलों में अध्यादेश का प्रावधान नहीं होना चाहिए. बता दें कि मोदी सरकार शत्रु संपत्ति अध्यादेश पांच बार ला चुकी है, क्योंकि विपक्ष को इसके कुछ प्रावधानों पर आपत्ति है.
रविवार को संसद के सेंट्रल हॉल में सांसदों के द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को औपचारिक विदाई दी गई. बता दें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 25 जुलाई, 2012 को भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में पद संभाला था. राष्ट्रपति बनने से पहले मुखर्जी कांग्रेस नीत केंद्र सरकार में विदेश, रक्षा, वाणिज्य और वित्त मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय संभाल चुके हैं. प्रणब मुखर्जी 1969 से पांच बार सांसद (राज्य सभा) और 2004 से दो बार सांसद (लोक सभा) चुने गए थे.
बता दें कि प्रणब मुखर्जी के उत्तराधिकारी राम नाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर मंगलवार (25 जुलाई) को शपथ लेंगे.