नई दिल्ली: गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का दार्जिलिंग में लगातार 38वें दिन भी बंद जारी है. सड़कों पर उतरे GNLF समर्थकों ने गोरखलैंड को लेकर केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की. गोरखालैंड के समर्थन में पूर्व सैनिक भी सड़कों पर उतरे. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमें बंगाल से एक इंच जमीन नहीं चाहिए, लेकिन गोरखालैंड की मांग पूरी हो.
गोरखालैंड के समर्थकों ने पुलिस चौकी में आग लगा दी है साथ पोस्टर भी बांटे हैं. पोस्टर में लिखा है कि स्थानिय सांसद एस.एस. अहुलवालिया पिछले कुछ महीनों से पहाड़ों में दिख नहीं रहे हैं. पुलिस ने बताया कि खाली पड़े जलदाका पुलिस चौकी पर समर्थकों ने पेट्रोल बम फेंका और एक बंगले को जलाने का प्रयास किया, जिसमें वह विफल रहे.
जेजएम की युवा शाखा ने गोरखालैंड राज्य की मांग के समर्थन में चार स्थानों पर शुक्रवार से शुरु किए आमरण अनशन जारी रखा है. साथ ही कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर राज्य में इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, साथ ही पश्चिम बंगाल पुलिस को हटाने की मांग की.
क्या है मामला ?
पश्चिम बंगाल सरकार के एक प्रस्ताव के खिलाफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा समर्थकों ने आंदोलन कर दिया. आंदोलन इतना हिंसक हो गया कि वहां स्थिति संभालने के लिए सेना को बुलाया गया. दरअसल ममता सरकार सरकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा को अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया था जिसके खिलाफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने हिंसक प्रदर्शन किया और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और अलग राज्य की मांग कर दी.